15 साल बाद बदली भारतीयों के लिए मोटापे की परिभाषा, अब इन 2 स्टेज से चलेगा ओबेसिटी का पता, कौन सी स्टेज खतरनाक? जानें
January 15, 2025 | by Deshvidesh News

भारत में मोटापा एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है, जो कई बीमारियों का कारण बनता है. हाल ही में 15 साल बाद मोटापे पर एक नई स्टडी सामने आई है, जो एक चेतावनी की तरह है. यह अध्ययन न केवल बढ़ते मोटापे की दर को उजागर करता है, बल्कि इसके कारण और गंभीर प्रभावों के बारे में भी बताया है. अक्टूबर 2022 से जून 2023 के बीच किए गए इस शोध का उद्देश्य मोटापे से जुड़ी बीमारियों और उनके प्रभावों का गहराई से अध्ययन करना था. इस अध्ययन में अलग-अलग आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया, जिसमें युवा, बुजुर्ग और महिलाएं प्रमुख रूप से शामिल थीं. इस स्टडी को ब्रिटिश मेडिकल जर्नल द लैंसेट में भी प्रकाशित किया गया है.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली सहित भारतीय डॉक्टरों की एक टीम ने बुधवार को प्रकाशित एक नए अध्ययन में भारतीय आबादी के लिए मोटापे को फिर से परिभाषित किया है. इससे पहले मोटापे को परिभाषित करने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में ने नई परिभाषा दी है कि, मोटापे कि भी स्टेज होती हैं. यह नया अध्ययन पिछली परिभाषा के 15 साल बाद आया है.
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क्या कहती है स्टडी?
अध्ययन के अनुसार, पेट की चर्बी, जो इंसुलिन रेजिस्टेंस से जुड़ी है और भारतीयों में प्रचलित है. अब यह डायग्नोस में एक बड़ा कारक है. नई परिभाषा डायबिटीज और हृदय रोगों को डायग्नोस में इंटीग्रेट करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि मोटापे से संबंधित हेल्थ रिस्क को बेहतर तरीके से ध्यान में रखा जाना चाहिए है.
इस नए रिसर्च में मोटापे को दो स्टेजों में बांटा गया है. दोनों चरणों के लिए शुरुआती मानदंड बीएमआई 23 से ज्या रखा गया है. इसमें पहले स्टेज को इनोसियस ओबेसिटी और दूसरी को ओबेसिटी विद कंसिक्वेंसेज कहा गया है. आइए समझते हैं कि स्टडी में मोटापे को कैसे परिभाषित किया गया है.
पहली स्टेज: सामान्य मोटापा (Innocent Obesity)
बीएमआई > 23 किग्रा/वर्ग मीटर पहले स्टेज में शरीर पर मोटापा तो दिखता है, लेकिन इससे अंगों की कार्यक्षमता या रोजमर्रा के कामों पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन इसे कंट्रोल नहीं किया गया और 23 से कम नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.
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दूसरी स्टेज: रिजल्ट देने वाला मोटापा (Obesity with Consequences)
दूसरे स्टेज में मोटापा सिर्फ शरीर पर दिखता ही नहीं बल्कि इसके साथ शरीर के कई अन्य अंग भी बेडोल दिखने लगते हैं. जैसे कमर बढ़ना या कमर-छाती ज्यादा चौड़ी हो जाना समेत कई अन्य चीज प्रभावित होने लगती है. स्टेज 2 के इस मोटापा से कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. जैसे डायबिटीज और हार्ट डिजीज.
नई स्टडी पर एक्सपर्ट ने क्या कहा?…
एम्स, नई दिल्ली में मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. नवल विक्रम ने कहा, “भारतीयों के लिए मोटापे की एक अलग परिभाषा संबंधित बीमारियों का जल्द पता लगाने और टारगेटेड मैनेजमेंट स्ट्रेटजी के लिए जरूरी है. यह अध्ययन हमारी समझ में एक बड़े अंतराल को भरता है और भारतीय आबादी में मोटापे से निपटने के लिए एक साफ, तर्कसंगत दृष्टिकोण देता है.”
फोर्टिस सी-डीओसी अस्पताल में डायबिटीज और एंडोक्राइनोलॉजी के कार्यकारी अध्यक्ष और निदेशक डॉ. अनूप मिश्रा ने कहा, “भारत में मोटापे की दर खतरनाक गति से बढ़ रही है, जो शहरी क्षेत्रों से आगे तक फैल रही है. ये दिशा-निर्देश अभूतपूर्व और लागू करने में आसान हैं, जो पूरे भारत में मोटापे से संबंधित कंडिशन्स के मैनेजमेंट के लिए एक अलग रणनीति प्रदान करते हैं. ये वजन घटाने के उपचारों को जल्दी और बेहतर तरीके से लागू करने की अनुमति भी देते हैं.”
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