हार्वर्ड के एक्सपर्ट्स की नई खोज, ब्रेन को बूस्ट करेगी ये 4 मिनट की एक्टिविटी, डिमेंशिया का खतरा होगा दूर
March 1, 2025 | by Deshvidesh News

डिमेंशिया (Dimentia) एक ऐसी बीमारी है, जो व्यक्ति के ब्रेन को कमजोर करती है. इसमें याददाश्त कमजोर होना, सोचने में परेशानी, व्यवहार में चिड़चिड़ापन, भटकना, बोलने में कठिनाई, चीजों को आसानी से भूल जाना और कहीं गुम हो जाना इसके लक्षण हैं. हेल्थ एक्सपर्ट इस बीमारी को लेकर चिंता जताते रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि डिमेंशिया से अल्जाइमर का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ता है. इसलिए ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए एक्सपर्ट ने ओरल हेल्थ पर जोर दिया है. एक्सपर्ट ने अपनी एक स्टडी में डिमेंशिया और ओरल हेल्थ में एक खास कनेक्शन ढूंढा है. इस स्टडी के बाद एक्सपर्ट ने कहा है कि लोग महज 4 मिनट की इस एक्टिविटी से ब्रेन हेल्थ को बूस्ट कर डिमेंशिया जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं.
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ओरल हेल्थ पर दिया जोर (Suggestion For Oral Health)
एक्सपर्ट ने डिमेंशिया का एक इलाज ओरल हेल्थ से भी निकाला है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट ने डिमेंशिया से निपटने के लिए नियमित रूप से दांतों की सफाई करने का सुझाव दिया है. एक्सपर्ट का मानना है कि दिन में दो बार टूथ ब्रश करना चाहिए और साथ ही डेंटल रूटीन चेकअप को भी फॉलो करना चाहिए. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अध्ययन में पता चला है कि मसूड़ों की बीमारी (Gum Disease)से अल्जाइमर का जोखिम बढ़ता है. इसलिए एक्सपर्ट ओरल हेल्थ को बूस्ट करने की सलाह देते हैं, जो डिमेंशिया के जोखिम को कम करता है. एक्सपर्ट ने हेल्दी ब्रेन के लिए ओवरऑल हेल्थ का ख्याल रखने भी पर जोर दिया है.
क्या बोले एक्सपर्ट (Experts on Dementia)
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट ने बताया है कि डिमेंशिया ब्रेन सेल्स को नुकसान पहुंचने से होता है, जिससे व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता कम होती चली जाती है. डिमेंशिया के शुरुआती लक्षणों में छोटी-छोटी और हाल ही की घटनाओं को भूलना है. इसके बाद ब्रेन धीरे-धीरे काम करना बंद करता है और फिर बोलने में दिक्कत और निर्णय लेने में परेशानी होती है और यहां तक कि खाना खाने और ड्रेसिंग करने में कठिनाइयां होती हैं. डिमेंशिया के अन्य कारणों में वैस्कुलर डिमेंशिया (ब्रेन में उचित ब्लड सर्कुलेशन ना होना) भी है. लेवी बॉडी डिमेंशिया और फ्रंटोटेंपोरल डिमेंशिया भी इसके अन्य कारणों में शामिल हैं, जबकि उम्र बढ़ना एक प्रमुख जोखिम कारक है. आनुवंशिकी, जीवनशैली और इंटरनल मेडिकल कंडिशन भी डिमेंशिया का जोखिम बढ़ाती हैं.
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4 मिनट की एक्टिविटी (4 Minute Activity)
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के डिमेंशिया और ओरल हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर अल्प कंटार्की ने ब्रेन हेल्थ को बूस्ट करने के लिए दिन में दो बार (सुबह-शाम) दो-दो मिनट तक टूथ ब्रश करने का सुझाव दिया है. अल्प कंटार्की का कहना है, अगर आप अपनी ओरल हेल्थ को नजरअंदाज करते हैं, तो इससे दिल संबंधी बीमारी, डायबिटीज और डिमेंशिया का जोखिम बढ़ता है. स्टडी में बताया गया है कि कई अध्ययनों में पता चला है कि डिमेंशिया और ओरल हेल्थ आपस में जुड़े हुए हैं.
468 लोगों पर हुआ अध्ययन
यह स्टडी अल्जाइमर एसोसिएशन के जर्नल अल्जाइमर्स एंड डिमेंशिया में प्रकाशित हुई है. इसमें 468 लोगों पर यह शोध किया गया है, जिसमें इन भागीदारों का क्लिनिकल पीरियडोंटल डेटा, ओरल माइक्रोबियल प्लाक, सीरम सैंपल और ब्रेन के MRI शमिल हैं. भागीदारों का ओरल चेकअप किया गया और पेरियोडोंटल बैक्टीरियल प्लाक और पेरियोडोंटल माइक्रोबायोटा के सीरम एंटीबॉडी के लिए उनका मूल्यांकन किया गया. कई स्थापित जोखिम कारकों के समायोजन के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि पेरियोडोंटाइटिस के फीचर्स अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया से जुड़े हैं.
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अल्जाइमर का ज्यादा खतरा किसे है?
एक अन्य स्टडी में पता चला है कि मसूड़ों की बीमारी से ग्रस्त वृद्ध वयस्कों में अल्जाइमर विकसित होने की संभावना सबसे अधिक होती है. शोधकर्ताओं ने पाया कि 65 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों में अल्जाइमर का निदान और मृत्यु दोनों ओरल बैक्टीरिया (पी. जिंजिवालिस) के प्रतिकूल एंटीबॉडी से जुड़े हैं.
क्या है इसका उपाय?
ओरल और डिमेंशिया हेल्थ एक्सपर्ट ने डिमेंशिया और अल्जाइमर से बचने के लिए फ्लोराइड टूथपेस्ट से दिन में दो बार टूथ ब्रश करने की सलाह दी है. इसके अलावा उन्होंने एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश का इस्तेमाल करने का भी सुझाव दिया है. साथ ही रूटीन डेंटल चेकअप भी सलाह दी है. एक बैलेंस डाइट (जिसमें भरपूर विटामिन और कम शर्करा) लेने का सुझाव दिया है. साथ ही ज्यादा से ज्यादा पानी पीने और धूम्रपान छोड़ने की सलाह भी दी है.
Watch Video: किन लोगों को होती है फैटी लिवर की बीमारी? डॉक्टर सरीन से जानिए…
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