स्वाद और सेहत से भरपूर होता है मक्का, सरकार ने भी उत्पादन को दोगुना करने का रखा लक्ष्य
February 28, 2025 | by Deshvidesh News

मक्के के बाबत एक बहुत प्रचलित पहेली है, “हरी थी मन भरी थी, लाख मोती जड़ी थी, राजा जी के बाग में दुशाला ओढ़े खड़ी थी.” सबने इसे बचपन में सुना होगा. इसमें मक्के को रानी और किसान को राजा कहा गया है. वाकई में बहुउपयोगी मक्का फसलों की रानी है. इसे वैज्ञानिक तरीके से बोने वाला किसान राजा बन सकता है. किसानों की आय बढ़े. वे खुशहाल हों, योगी सरकार का भी यही लक्ष्य है. इसलिए पूरे प्रदेश को त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम के तहत आच्छादित किया गया है. सरकार मक्के के हर तरह के बीज पर किसानों को प्रति क्विंटल बीज पर 15,000 रुपए की दर से अनुदान दे रही है. इस अनुदान में संकर, देशी पॉप कॉर्न, बेबी कॉर्न तथा स्वीट कॉर्न के बीज भी शामिल हैं. पर्यटक की अधिकता वाले क्षेत्र में देशी पॉप कॉर्न, बेबी कॉर्न तथा स्वीट कॉर्न की अधिक मांग है. इसलिए कार्यक्रम के तहत सरकार इनको भी बढ़ावा दे रही है.
एक्सटेंशन प्रोग्राम के तहत वैज्ञानिक जगह-जगह किसान गोष्ठियों में जाकर किसानों को मक्का के उत्पादन और आच्छादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. करीब हफ्ते भर पहले यहां लखनऊ में भी राज्य स्तरीय कार्यशाला में इन मुद्दों पर चर्चा हुई थी. इसमें यह भी चर्चा हुई थी कि किसानों के लिए इसे कैसे अधिकतम लाभदायक बनाया जाए. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में मक्के का उत्पादन 2027 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए तय अवधि में इसे बढ़ाकर 27.30 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य है. इसके लिए रकबा बढ़ाने के साथ प्रति हेक्टेयर प्रति क्विंटल उत्पादन बढ़ाने पर भी बराबर का जोर होगा. इसके लिए योगी सरकार ने “त्वरित मक्का विकास योजना” शुरू की है. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2023/2024 में 27.68 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
देसी घी में सेंककर खाते हैं परांठे तो अब हो जाएं सावधान, वर्ना हो जाएंगे इन बीमारियों के शिकार
अभी प्रदेश में करीब 8.30 लाख हेक्टेयर में मक्के की खेती होती है. कुल उत्पादन करीब 21.16 लाख मीट्रिक टन है. प्रदेश सरकार की मदद भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से सम्बद्ध भारतीय मक्का संस्थान भी कर रहा है. धान और गेहूं के बाद यह खाद्यान्न की तीसरी प्रमुख फसल है. उपज और रकबा बढ़ाकर 2027 तक इसकी उपज दोगुना करने के लक्ष्य के पीछे मक्के का बहुपरकारी होना है. अब तो एथेनॉल के रूप में भविष्य में इसकी संभावनाएं और बढ़ गई हैं. बात चाहे पोषक तत्वों की हो या उपयोगिता की. बेहतर उपज की बात करें या सहफसली खेती या औद्योगिक प्रयोग की. हर मौसम (रबी, खरीफ एवं जायद) और जल निकासी के प्रबंधन वाली हर तरह की भूमि में मक्के का जवाब नहीं.
मालूम हो कि मक्के का प्रयोग ग्रेन बेस्ड इथेनॉल उत्पादन करने वाली औद्योगिक इकाइयों, कुक्कुट एवं पशुओं के पोषाहार, दवा, कॉस्मेटिक, गोद, वस्त्र, पेपर और अल्कोहल इंडस्ट्री में भी इसका प्रयोग होता है. इसके अलावा मक्के का आटा, ढोकला, बेबी कॉर्न और पॉप कॉर्न के रूप में तो ये खाया ही जाता है. किसी न किसी रूप में ये हर सूप का हिस्सा है. ये सभी क्षेत्र संभावनाओं वाले हैं.
आने वाले समय में बहुपरकारी होने की वजह से मक्के की मांग भी बढ़ेगी. इस बढ़ी मांग का अधिकतम लाभ प्रदेश के किसानों को हो, इसके लिए सरकार मक्के की खेती के प्रति किसानों को लगातार जागरूक कर रही है. उन्हें खेती के उन्नत तौर-तरीकों की जानकारी देने के साथ सीड रिप्लेसमेंट (बीज प्रतिस्थापन) की दर को भी बढ़ा रही है. किसानों को मक्के की उपज का वाजिब दाम मिले, इसके लिए सरकार पहले ही इसे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के दायरे में ला चुकी है.
मक्के में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. इसमें कार्बोहाइड्रेट, शुगर, वसा, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल मिलता है. इस लिहाज से मक्का की खेती कुपोषण के खिलाफ जंग साबित हो सकती है. इन्हीं खूबियों की वजह से मक्के को अनाजों की रानी कहा गया है.
विशेषज्ञों की मानें तो उन्नत खेती के जरिए मक्के की प्रति हेक्टेयर उपज 100 क्विंटल तक भी संभव है. प्रति हेक्टेयर सर्वाधिक उत्पादन लेने वाले तमिलनाडु की औसत उपज 59.39 कुंतल है. देश के उपज का औसत 26 कुंतल एवं उत्तर प्रदेश के उपज का औसत 2021-22 में 21.63 कुंतल प्रति हेक्टेयर था. ऐसे में यहां मक्के की उपज बढ़ाने की भरपूर संभावना है. मक्के की तैयार फसल में करीब 30 फीसद तक नमी होती है. अगर उत्पादक किसान या उत्पादन करने वाले इलाके में इसे सुखाने का उचित बंदोबस्त न हो, तो इसमें फंगस लग जाता है.
घर पर बनाना है स्ट्रीट स्टाइल नूडल्स तो नोट कर लें ये रेसिपी, फिर बाहर खाने नहीं जाएंगे आप
सरकार अनुदान पर ड्रायर मशीन उपलब्ध करा रही है. 15 लाख की पर 12 लाख अनुदान दिया जा रहा है. कोई भी किसान निजी रूप से या उत्पादक संगठन इस मशीन को खरीद सकता है. इसी तरह पॉप कॉर्न मशीन पर भी 10 हजार का अनुदान देय है. मक्के की बोआई से लेकर प्रोसेसिंग संबंधित अन्य मशीनों पर भी इसी तरह का अनुदान है. प्रदेश सरकार प्रगतिशील किसानों को उत्पादन की बेहतर तकनीक जानने के लिए प्रशिक्षण के लिए भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान भी भेजती है. कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार उन्नत प्रजातियों की बोआई करें. डंकल डबल, कंचन 25, डीकेएस 9108, डीएचएम 117, एचआरएम-1, एनके 6240, पिनैवला, 900 एम और गोल्ड आदि प्रजातियों की उत्पादकता ठीक ठाक है. वैसे तो मक्का 80-120 दिन में तैयार हो जाता है, पर पॉपकॉर्न के लिए यह सिर्फ 60 दिन में ही तैयार हो जाता है.
मक्के का सूप कैसे बनाएं (Corn Soup Recipe)
सामग्री:
- 1 कप स्वीट कॉर्न (ताजा या डिब्बाबंद)
- 1/2 कप गाजर (बारीक कटी हुई)
- 1/2 कप बीन्स (बारीक कटी हुई)
- 1/2 कप शिमला मिर्च (बारीक कटी हुई)
- 1/2 कप पत्ता गोभी (बारीक कटी हुई)
- 1/4 कप हरी मटर
- 1 बड़ा चम्मच अदरक-लहसुन पेस्ट
- 1 बड़ा चम्मच मक्खन या तेल
- 4 कप वेजिटेबल स्टॉक या पानी
- 2 बड़े चम्मच कॉर्न फ्लोर (मक्की का आटा)
- 2 बड़े चम्मच सोया सॉस
- 1 बड़ा चम्मच सिरका
- नमक स्वादानुसार
- काली मिर्च पाउडर स्वादानुसार
- हरा प्याज़ (गार्निश के लिए)
विधि:
सभी सब्जियों को बारीक काट लें.
अगर स्वीट कॉर्न फ्रेस है, तो उसे थोड़ा पानी में उबालकर नरम कर लें.
कुकिंग:
एक बड़े पैन में मक्खन या तेल गरम करें. इसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट डालें और थोड़ा सा भून लें.
अब इसमें बारीक कटी हुई सब्जियाँ (गाजर, बीन्स, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, हरी मटर) डालें और 3-4 मिनट तक भूनें.
सूप तैयार करना:
- अब इसमें स्वीट कॉर्न डालें और अच्छी तरह मिलाएँ.
- वेजिटेबल स्टॉक या पानी डालें और सब्जियों को 10-15 मिनट तक पकने दें, जब तक कि सब्जियाँ नरम न हो जाएँ.
- एक छोटे बाउल में कॉर्न फ्लोर और थोड़ा सा पानी मिलाकर पतला पेस्ट बना लें. इसे सूप में डालें और अच्छी तरह मिलाएँ ताकि सूप गाढ़ा हो जाए.
- अब सोया सॉस, सिरका, नमक और काली मिर्च डालें और अच्छी तरह मिलाएँ.
- सूप को कुछ और मिनट पकने दें, ताकि सारे फ्लेवर्स अच्छी तरह से मिल जाएँ.
- हरे प्याज़ से गार्निश करें.
- आपका सूप बनकर तैयार है.
History of Samosa- Swaad Ka Safar | समोसे का इतिहास | जानें ईरान से भारत कैसे पहुंचा समोसा
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
इंदौर में बात करने से इनकार करने पर एमबीए छात्रा का गला रेत दिया, विरोध में आधे दिन बाजार बंद
January 31, 2025 | by Deshvidesh News
IBPS PO 2025 इंटरव्यू के लिए एडमिट कार्ड जारी, 4455 रिक्तियां, लेटेस्ट अपडेट
February 4, 2025 | by Deshvidesh News
मर्सिडीज-बेंज इंडिया 2025 में करेगी धमाका, 8 नए मॉडल और 20 टच पॉइंट लॉन्च करने की योजना
January 10, 2025 | by Deshvidesh News