सिनेमा का सितारा,बदसूरत कह कर मां-बाप ने छोड़ा, बनी नृत्य सम्राज्ञी, बॉलीवुड को कराया डांस से परिचय, मधुबाला , रेखा , काजोल को सिखाया डांस, पहचाना ?
February 1, 2025 | by Deshvidesh News

बनारस में जन्मी और बदसूरत समझी जाने वाली लड़की हिंदी सिनेमा की सबसे कामयाब सितारा बनीं. उन्हें नृत्य साम्राज्ञी का खिताब दिया गया. हिंदी सिनेमा को उन्होंने डांस से परिचय कराया और सिनेमा को वह अपनी डांसिंग स्कील से नेक्स्ट लेवल पर ले गईं.सिनेमा इंडस्ट्री में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई पुरस्कार मिले. बाद में जब उन्हें पद्मभूषण पुरस्कार दिया गया तो उन्होंने इसे ठुकराते हुए. खुद के लिए भारत रत्न की मांग की. बचपन में बदसूरत होने के कारण इस डांसर को उनके माता पिता ने अपने घर में काम करने वाली नौकरानी को दे दिया था. कैसे बनी यह लड़की सिनेमा की नृत्य सम्राज्ञी?
हम बात कर रहे हैं हिंदी सिनेमा की कामयाब डांसर और अभिनेत्री सितारा देवी की. सितारा देवी का जन्म धनतेरस के दिन 8 नवंबर 1920 को कोलकाता में हुआ था. सौभाग्य की देवी के सम्मान में उनका नाम धनलक्ष्मी रखा गया. सितारा देवी बनारस के ब्राह्मण परिवार से थी. बाद में उनका परिवार कोलकाता में बस गया. उनके पिता सुखदेव महाराज संस्कृत के विद्वान थे और कथक सिखाते थे. उनकी नृत्य शैली में बनारस और लखनऊ घराने दोनों शामिल थे, जो ‘ नाज़ ‘,’ नखरे ‘ और ‘ नज़ाकत ‘ का संयोजन था. जब सितारा ग्यारह वर्ष की थीं. तब उनका परिवार मुंबई चला आया. मुंबई पहुंचने के बाद सितारा देवी ने अतिया बेगम पैलेस में रवींद्रनाथ टैगोर , सरोजिनी नायडू और सर कोवासजी जहांगीर के समक्ष नृत्य प्रस्तुति दी. रविंद्र नाथ टैगोर उनसे काफी प्रभावित हुए और उन्होंने कई आयोजनों में उन्हें नृत्य के लिए बुलाया. जब वह बारह साल की थी, तब उन्होंने फिल्मों में नृत्य प्रस्तुति देना शुरु किया. इनमें से 1940 में आई फिल्म उषा हरण, 1951 में आई नगीना और 1938 में आई रोटी और वतन जैसी कुछ फिल्में शामिल हैं. 1957 में आई मदर इंडिया में उन्होंने एक पुरूष के वेश में होली नृत्य किया.इस फिल्म के बाद उन्होंने फिल्मों में नृत्य करना बंद कर दिया.
बता दें कि सितारा देवी का जीवन काफी संघर्ष भरा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक खूबसूरत न होने के कारण सितारा देवी के माता-पिता ने उन्हें घर में काम करने वाली कामवाली को दे दिया था. लेकिन बाद में कामवाली ने सितारा को वापस लौटा दिया. डांस करने के कारण समाज में उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. और लोगों ने उन्हें तवायफ कहा.हालांकि सिनेमा इंडस्ट्री में उनके नृत्य को काफी सराहा गया. रवींद्रनाथ टैगोर ने सितारा देवी को ‘नृत्य सम्राज्ञी’ की उपाधि से नवाजा.
कहा जाता है कि 8 साल की उम्र में उनकी पहली शादी हुई थी, लेकिन वह अपने नृत्य शिक्षा पर फोकस करना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने यह शादी तोड़ दी. बाद में सिनेमा इंडस्ट्री में काम करने के दौरान उन्होंने अपने से 16 साल बड़े और पहले से ही शादीशुदा एक्टर नजीर अहमद खान से दूसरी शादी की. नजीर संग शादी करने के लिए सितारा ने अपना धर्म भी बदल लिया था..ये दोनों हिंद पिक्चर्स स्टूडियो में पार्टनर थे. स्टूडियो में काम करने के लिए सितारा को पैसे नहीं मिल रहे थे और उनके पति से उनकी अन बन चल रही थीं. उसी दौरान वह अपने पति नजीर अहमद खान के भतीजे के.आसिफ के करीब आईं. सितारा देवी ने साल 1944 में अपने पति को छोड़ कर के.आसिफ से शादी कर ली. सितारा देवी से शादी के दो साल बाद ही के आसिफ ने सितारा देवी की ही दोस्त से दूसरी शादी रचा ली. सितारा देवी के सब्र का बांध तब टूटा. जब के आसिफ ने दिलीप कुमार की बहन से तीसरी शादी रचा ली.
इसके बाद सितारा देवी ने के आसिफ को छोड़ दिया और तभी उनकी मुलाकात एक गुजराती बिजनेसमैन प्रताप बरोट से हुई. धीरे- धीरे ये मुलाकात प्यार में बदल गई और सितारा देवी ने प्रताप बरोट के साथ शादी कर ली. इस शादी से सितारा देवी का एक बेटा भी हुआ लेकिन ये शादी भी ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई और दोनों की राहें अलग हो गईं. सितारा देवी के बेटे रंजीत बरोट एक जाने माने म्यूजिशियन हैं. वह ए आर रहमान के एसोशिएट रह चुके हैं. डांस और कला में योगदान देने के लिए सितारा देवी को संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. बाद में जब सितारा देवी को पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया तो उन्होंने उसे ठुकरा दिया. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सितारा देवी ने पद्मभूषण ठुकराते हुए खुद के लिए भारत रत्न की मांग की थी.
सितारा देवी भरतनाट्यम और भारत के लोक नृत्यों के कई रूपों सहित नृत्य की कई अन्य शैलियों की भी एक कुशल नर्तकी थीं. उन्होंने रूसी बैले और समेत वेस्टर्न डांस भी सीखे. उन्होंने मधुबाला , रेखा , माला सिन्हा और काजोल जैसी बॉलीवुड अभिनेत्रियों को कथक नृत्य सिखाया. चार शादियां करने वाली सितारा देवी ने लंबे समय तक बीमारी से जूझने के बाद 94 साल की उम्र में 25 नवंबर 2014 को उन्होंने दुनिया छोड़ दिया.
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
ICAI CA मई 2025 परीक्षा की तारीख घोषित, सीए फाउंडेशन परीक्षा 15 मई को होगी, लेटेस्ट अपडेट्स
January 13, 2025 | by Deshvidesh News
Total lunar eclipse March 2025: ‘ब्लड मून’ चंद्रग्रहण कब और कहां देखें, जानिए यहां
January 21, 2025 | by Deshvidesh News
पहले चुप रहने को कहा, फिर सैफ को घोंपा पीछे से चाकू : केयरटेकर ने FIR में बताई आंखों देखी
January 17, 2025 | by Deshvidesh News