सरकारी खर्च और खपत में सुधार से तीसरी तिमाही में बनी रहेगी GDP ग्रोथ की रफ्तार, 6.3-6.4% रहने का अनुमान
February 27, 2025 | by Deshvidesh News

वित्त वर्ष 2025 (FY 2025) की तीसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि (GDP Growth) सकारात्मक बनी रहने की उम्मीद है और यह लगभग 6.3-6.4 प्रतिशत के दायरे में रह सकती है. विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि इसका मुख्य कारण त्योहारी सीजन के दौरान सरकारी खर्च में वृद्धि और घरेलू खपत में सुधार माना जा रहा है.
पूंजीगत व्यय दो तिमाहियों के औसत की तुलना में करीब 30% अधिक
सरकारी पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) बढ़कर 2.7 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पहली दो तिमाहियों के औसत की तुलना में लगभग 30% अधिक है. हालांकि, आम चुनाव के कारण इसमें थोड़ी गिरावट देखी गई थी.
MP Financial Advisory Services के संस्थापक और प्रबंध साझेदार महेंद्र पाटिल ने कहा, “इस वृद्धि का उद्देश्य घरेलू खपत के असमान रुझानों के बीच आर्थिक विकास (Economic Growth) को बढ़ावा देना है. निजी अंतिम उपभोग व्यय (Private Final Consumption Expenditure – PFCE), जो GDP का 58% है, दूसरी तिमाही में 5.4% था और अब तीसरी तिमाही में 6.4% तक बढ़ने की संभावना है, जिसे त्योहारी सीजन की मांग का लाभ मिलेगा.”
अनुकूल मानसून और खरीफ फसल की अच्छी पैदावार के कारण कृषि उत्पादन मजबूत रहा, जिससे ग्रामीण खपत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा.
वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में सर्विस सेक्टर में मजबूती
त्योहारों के मौसम के दौरान बढ़ी हुई खपत, अधिक सरकारी पूंजीगत व्यय और बेहतर कृषि उत्पादन ने वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में सेवा क्षेत्र (Service Sector) को भी मजबूती दी. साथ ही, इस दौरान सेवा निर्यात (Service Exports) में भी वृद्धि देखी गई.
तीसरी तिमाही में भारत की GDP वृद्धि दर 6.2-6.3% रहने का अनुमान
SBI के अर्थशास्त्रियों ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY 2024-25) की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए भारत की GDP वृद्धि दर 6.2-6.3% रहने का अनुमान लगाया है. यह अनुमान बढ़ती मांग (Demand), पूंजीगत व्यय (Capex Trends), भारतीय कंपनियों (Indian Companies) के EBITDA और कॉर्पोरेट GVA (Corporate GVA) में हुई वृद्धि के आधार पर लगाया गया है.
अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में 6.6% की दर से बढ़ सकती है GDP
Bank of Baroda की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की GDP अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में 6.6% की दर से बढ़ सकती है, जिसमें कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector), सरकारी खर्च और सेवा क्षेत्र का बड़ा योगदान होगा. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी पूंजीगत व्यय आर्थिक स्थिरता का एक महत्वपूर्ण कारक बना हुआ है, जबकि वित्तीय क्षेत्र (Financial Sector) और ग्रामीण मांग में मजबूती दिखाई दे रही है.
हालांकि, GDP की दीर्घकालिक स्थिरता (Long-Term GDP Stability) मुख्य रूप से आय वृद्धि (Income Growth), रोजगार सृजन (Job Creation) और निजी क्षेत्र के निवेश (Private Investment) पर निर्भर करेगी.
तीसरी तिमाही में ग्रोथ का आउटलुक पॉजिटिव
विशेषज्ञों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 (FY 2025) की तीसरी तिमाही में ग्रोथ का पॉजिटिव आउटलुक बना हुआ है. इसका समर्थन बड़े पैमाने पर सार्वजनिक व्यय, अनुकूल मानसून, खरीफ फसलों का अधिक उत्पादन, सेवा क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन और सेवा निर्यात से मिल रहा है.
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