लोकसभा सीटों के परिसीमन पर बयानबाजी तेज, अमित शाह बोले- दक्षिण भारत के राज्यों में एक भी सीट कम नहीं होने देंगे
February 28, 2025 | by Deshvidesh News

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर एक बड़ी राजनीतिक बहस छिड़ गई है. बुधवार को कोयम्बटूर में बीजेपी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा की सीटों के परिसीमन पर एक बयान दिया था. जिस पर राजनीति तेज हो गई है. अमित शाह ने कहा, “तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और उनके बेटे लोगों का ध्यान भड़काने के लिए कुछ मुद्दे खड़ा कर रहे हैं. आज भी एक मीटिंग करने जा रहे हैं कि हम साउथ के साथ परिसीमन में अन्याय नहीं होने देंगे. स्टालिन जी, मोदी सरकार ने लोकसभा में स्पष्ट किया है कि डीलिमिटेशन के बाद किसी भी दक्षिण भारत के राज्य की एक भी सीट कम होने नहीं होगा”.
तमिलनाडु के सीएम ने 5 मार्च को बुलाई बैठक
अमित शाह का बयान ऐसे वक्त पर आया है जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 5 मार्च को परिसीमन के मसले पर राजनीतिक दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. लोकसभा की सीटों का परिसीमन राष्ट्रीय जनगणना के बाद जनसंख्या में हुए बदलाव के आधार पर किया जाता है.
जनगणना पूरी होने के बाद एक परिसीमन आयोग का गठन किया जाता है. परिसीमन आयोग टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस के आधार पर लोकसभा की सीटों का परिसीमन करती है.
परिसीमन को लेकर दक्षिण भारतीय राज्यों का क्या है डर?
दक्षिण भारत के राज्यों को डर है कि 2011 की जनगणना के बाद उनकी जनसंख्या उत्तर भारत के राज्यों के अनुपात में कम बढ़ी है. ऐसे में अगर परिसीमन आयोग जनसंख्या के आधार पर लोकसभा की सीटों का परिसीमन करता है तो लोकसभा में उनकी सीट घट जाएंगे, उनका प्रतिनिधित्व भी घट जाएगा.
सीपीआई नेता ने परिसीमन के आधार पर संसद में चर्चा की मांग की
सीपीआई के महासचिव दी राजा ने गुरुवार को एनडीटीवी से कहा, “हम मांग करते हैं कि देश में नए परिसीमन का आधार क्या हो इस पर संसद में चर्चा कराई जाए. दक्षिण भारत के राज्यों- विशेषकर तमिलनाडु और केरल का पॉपुलेशन कंट्रोल का रिकॉर्ड बेहतर रहा है. उन्हें आशंका है कि अगर जनसंख्या को आधार बनाकर परिसीमन किया जाता है तो संसद में उनका प्रतिनिधित्व घटेगा. उत्तर प्रदेश और दूसरे उत्तर भारत के राज्यों में जनसंख्या में बढ़ोतरी की वजह से उनकी सीटें बढ़ सकती हैं.”
सपा सांसद बोले- जनगणना के बाद गठित होगा परिसीमन आयोग
उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता जावेद अली खान ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, “जनगणना की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है. जनगणना की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही परिसीमन आयोग गठित किया जाएगा. उस समय ही उसके टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस तय होंगे. इसलिए अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा कि कहां की सीटें बढ़ेंगी और कहां की सीटें घटेंगी”.
हालांकि वह इस बात से सहमत हैं कि अगर सिर्फ जनसंख्या के आधार पर सीटों का निर्धारण होगा तो जनसंख्या नियंत्रित करने वाले राज्यों को घाटा होगा.
एक्सपर्ट बोले- परिसीमन का मामला पेंचीदा, अभी कुछ कहना जल्दबाजी
उधर चुनावों पर नजर रखने वाली संस्था नेशनल इलेक्शन वॉच/ADR के संस्थापक रहे प्रोफेसर जगदीप छोकर कहते हैं- परिसीमन पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. प्रोफेसर जगदीप छोकर ने एनडीटीवी से कहा, “परिसीमन का मामला बेहद पेंचीदा है. परिसीमन कब होगा यह किसी को नहीं पता है. पहले जनगणना होगी, फिर परिसीमन होगा. उसके बाद फिर महिला आरक्षण का भी प्रावधान करना होगा. अभी तक परिसीमन की जो क्राइटेरिया है वह जनसंख्या है. परिसीमन आयोग जब गठित होगा तब यह तय करना होगा कि सीटों के परिसीमन का क्या क्राइटेरिया होगा…सरकार को दक्षिण भारत के राज्यों की जो आशंकाएं हैं उनका एड्रेस करना पड़ेगा…”
जाहिर है सरकार को सीटों के परिसीमन का आधार सही तरीके से तय करना होगा. प्रोफेसर जगदीप छोकर कहते हैं, सीटों के डीलिमिटेशन का आधार सरकार को सही तरीके से तय करना बेहद ज़रूरी होगा. आधार अगर गलत तरीके से तय होगा तो उसका नतीजा भी गलत होगा”.
यह भी पढ़ें – हिंदी को तमिल पर हावी नहीं…”, तमिलनाडु में भाषा विवाद के बीच सीएम स्टालिन की केंद्र को दो टूक
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
हे भगवान..37 साल बाद महाकुंभ में मिले 2 पुराने दोस्त, वायरल हुआ इमोशनल वीडियो
February 27, 2025 | by Deshvidesh News
महाराष्ट्र : ठाणे में अवैध रूप से रह रहीं चार बांग्लादेशी महिलाएं गिरफ्तार, मकान मालिक की तलाश में जुटी पुलिस
January 30, 2025 | by Deshvidesh News
रोज रात को सोने से पहले बालों में लगा लीजिए इस जादुई मसाले का पानी, तेजी से बढ़ेगे बाल
February 17, 2025 | by Deshvidesh News