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रुद्राक्ष की माला पहने पीएम मोदी ने महाकुंभ में लगाई डुबकी, जानें क्यों रुद्राक्ष धारण करते हैं लोग, फायदे, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण 

February 5, 2025 | by Deshvidesh News

रुद्राक्ष की माला पहने पीएम मोदी ने महाकुंभ में लगाई डुबकी, जानें क्यों रुद्राक्ष धारण करते हैं लोग, फायदे, धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

Rudraksha Benefits for Health: भारत में आध्यात्मिकता और धार्मिक परंपराओं का खास महत्व है. हिंदू धर्म में कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें शक्ति, ऊर्जा और सकारात्मकता का स्रोत माना जाता है. रुद्राक्ष उन्हीं में से एक है, जिसे भगवान शिव से जुड़ा हुआ पवित्र बीज कहा जाता है. माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ मिलते हैं. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज कुंभ में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई. खास बात यह थी कि जब पीएम मोदी कुंभ में पहुंचे, तो उनके गले में मोटी रुद्राक्ष की माला साफ नजर आई. उन्होंने रुद्राक्ष माला से मंत्रो का जाप भी किया. रुद्राक्ष क्या है, कैसे बनता है और इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य और मान्यताएं क्या है? तो आइए आज हम इन्हीं सभी से पर्दा उठा देते हैं और साथ ही साथ आपको बताने जा रहे हैं कि रुद्राक्ष धारण करने के पीछे क्या वजहें और क्या फायदे मिलते हैं.

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रुद्राक्ष की माला क्यों पहनी जाती है?

रुद्राक्ष को एक पवित्र और दिव्य बीज माना जाता है, जिसे भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न माना जाता है. इसे पहनने के पीछे धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण बताए जाते हैं:

  • शिव का आशीर्वाद: रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है, इसलिए माना जाता है कि इसे धारण करने से शिव कृपा प्राप्त होती है.
  • सकारात्मक ऊर्जा: यह भी माना जाता है कि रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षात्मक आवरण बनाता है.
  • मानसिक शांति: कहते हैं इसे पहनने से ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढ़ती है और मानसिक तनाव कम हो सकता है.
  • चक्र संतुलन: शरीर के कई एनर्जी सेंटर्स को संतुलित करने में सहायक होता है.
  • आध्यात्मिक उन्नति: ध्यान, साधना और मंत्र जाप में रुद्राक्ष की माला बड़ी भूमिका निभाती है.

रुद्राक्ष कैसे बनता है?

रुद्राक्ष एलियोकार्पस गैनिट्रस नामक पेड़ का सूखा फल है. धीमी गति से अंकुरण होने के कारण रुद्राक्ष की खेती एक कठिन प्रक्रिया है. मिट्टी की नमी के आधार पर एक पेड़ को अंकुरित होने में आमतौर पर 1-2 साल लगते हैं. पेड़ 7 साल बाद फल देना शुरू कर देता है. एक ही रुद्राक्ष के पेड़ पर एक ही समय में सभी अलग-अलग मुखी में रुद्राक्ष होते है. सबसे ज्यादा मुख वाला रुद्राक्ष बहुत दुर्लभ होते हैं. सबसे आम रुद्राक्ष की माला पांच मुख वाली होती है.

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रुद्राक्ष धारण करने के फायदे | Benefits of wearing Rudraksha

एक रिसर्च के अनुसार, “रुद्राक्ष की माला में शक्तिशाली विद्युत चुम्बकीय, अनुचुंबकीय और प्रेरक गुण होते हैं. रुद्राक्ष की माला की उपचार शक्तियां ऐसे गुणों से प्राप्त होती हैं. ब्लड सर्कुलेशन और हार्ट बीट को बैलेंस रखने खासतौर से हार्ट एरिया के चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र पैदा करती हैं, जिससे हार्ट पर एक फॉर्स लगाया जाता है ताकि अगर यह सामान्य दरों से ऊपर या नीचे धड़कना शुरू कर दे तो इसे कंट्रोल किया जा सके. यह क्रिया शरीर में आइडियल ब्लड सर्कुलेशन बनाए रखने में मदद करती है.”

रिसर्च में कहा गया है कि, ध्रुवता और तीव्रता के आधार पर चुंबकीय क्षेत्र को प्रेरित करने पर रुद्राक्ष की माला विपरीत ध्रुवता और तीव्रता के साथ सूक्ष्म विद्युत और प्रेरक आवेगों को संचारित करती है. जब रुद्राक्ष की माला को हार्ट के ऊपर रखा जाता है, तो यह हार्ट बीट को स्थिर करने का काम करती है. 

आयुर्वेदिक के अनुसार, रुद्राक्ष पहनने से हार्ट और तंत्रिकाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और व्यक्ति को तनाव, चिंता, अवसाद, घबराहट और एकाग्रता की कमी से राहत मिल सकती है. यह अपने एंटी एजिंग प्रभाव और विद्युत चुम्बकीय और प्रेरक गुणों के लिए भी जाना जाता है. रिसर्च के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को रुद्राक्ष के बीजों के उपयोग से लाभ मिला है.

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इसके साथ ही रुद्राक्ष के कई अन्य फायदे भी बताए जाते हैं, जैसे- चिंता और तनाव को कम करना, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाना, क्रोध और उत्तेजना को कंट्रोल करना. अगर इसे आध्यात्मिक पक्ष की बात करें तो माना जाता है कि रुद्राक्ष ध्यान और योग साधना में सहायता करता है. सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है और नकारात्मक प्रभावों और बुरी नजर से बचाता है. 

नोट: हालांकि इस पर अभी और ज्यादा शोध की जरूरत है. ये सभी दावे रिसर्च के आधार पर और धार्मिक, व्यक्तिगत विचारों पर आधारित हैं. एनडीटीवी इन दावों में से किसी का भी समर्थन नहीं करता है.

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