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राम मंदिर के मुख्य पुजारी का निधन: 6 दिसंबर 1992, जब रामलला को गोद में बचाकर भागे थे आचार्य सत्येंद्र दास 

February 12, 2025 | by Deshvidesh News

राम मंदिर के मुख्य पुजारी का निधन: 6 दिसंबर 1992, जब रामलला को गोद में बचाकर भागे थे आचार्य सत्येंद्र दास

श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के निधन की खबर आ रही है. जानकारी के मुताबिक उनका लखनऊ के पीजीआई में  इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. बताया जा रहा है कि ब्रेन हेमरेज की वजह से आचार्य सत्येंद्र दास का निधन हुआ. हॉस्पिटल की तरफ से भी आचार्य सत्येंद्र दास के निधन की पुष्टि की गई है. उन्हें 3 फरवरी को एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था और स्ट्रोक आने के बाद वह न्यूरोलॉजी वार्ड एचडीयू में थे.

जब रामलला को गोद में उठाकर भागे सत्येंद्र दास

सत्येंद्र दास संतकबीर नगर के एक ब्राह्मण परिवार से थे. 50 के दशक के शुरू में अयोध्या आए और अभिरामदास के शिष्य बने. अभिराम दास वही हैं जिन्होंने 1949 में मंदिर में रामलला की मूर्तियां स्थापित की थीं. आचार्य सत्येंद्र दास, राम विलास वेदांती और हनुमान गढ़ी के संत धर्मदास तीनों गुरुभाई हैं. सत्येंद्र दास ने 1992 में बाबरी विध्वंस के समय रामलला की मूर्तियां को बचाने के लिए गोद में उठाकर भागे थे. वे लंबे समय से श्रीरामजंभूमि के मुख्य पुजारी थे. 

सत्येंद्र दास ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि जब बाबरी विध्वंस हुआ तो मैं वहीं था. लाउड स्पीकर लगा था. नेताओं ने कहा पुजारी जी भोग लगा दें और पर्दा बंद कर दें. तब मैंने भोग लगाकर पर्दा लगा दिया. एक दिन पहले ही कारसेवकों से कहा गया था कि सरयू से जल ले आएं, वहां एक चबूतरा भी था. तब ऐलान किया गया कि सभी लोग चबूतरे पर पानी छोड़ें और धोएं, लेकिन जो लोग थे उन्होंने कहा हम यहां पानी से धोने नही आए हैं. उसके बाद नारे लगने लगे और वे बैरिकेडिंग तोड़ कर पहुंच गए. इस बीच हम रामलला को बचाने में लग गए कि उन्हें कोई नुकसान न हो. हम रामलला को उठाकर अलग चले गए.

सत्येंद्र दास के निधन पर क्या बोले सीएम योगी

उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा कि परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है. विनम्र श्रद्धांजलि! प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे तथा शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.

 

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