ये स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान… : RSS चीफ के ‘सच्ची आजादी’ वाले बयान पर राजनीति गरमाई
January 14, 2025 | by Deshvidesh News

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश की सच्ची स्वतंत्रता इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी. भागवत के इस बयान पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस और शिवसेना का कहना है कि आरएसएस चीफ रामलला के नाम पर राजनीति रह रहे हैं, उन्होंने महात्मा गांधी और सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है.
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा कि बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने भी ये कहा था कि देश को आजादी 2014 में मिली थी. इसके बाद अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कह रहे हैं कि राम मंदिर बनने के बाद ही देश को सच्ची स्वतंत्रता मिली, तो फिर 15 अगस्त 1947 को क्या हुआ था, 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) का इतना महत्व क्यों है. अगर यह (रामलला की प्राण प्रतिष्ठा) सच्ची आजादी है तो मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि वो महात्मा गांधी और सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रहे हैं.

राशिद अल्वी ने कहा कि राम मंदिर का बनना और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा निश्चित तौर पर एक महत्वपूर्ण दिन है, इसमें कोई शंका नहीं है, लेकिन ये कहना कि ‘प्राण प्रतिष्ठा दिवस के दिन सच्ची आजादी’ मिली है, ये स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है.
रामलला के नाम पर राजनीति ना करें भागवत – संजय राउत
वहीं शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा कि आरएसएस प्रमुख एक सम्मानित व्यक्ति हैं, लेकिन वे संविधान के निर्माता नहीं हैं. वे इस देश के कानूनों का मसौदा तैयार नहीं करते या उनमें बदलाव नहीं करते. रामलला के विग्रह का प्राण-प्रतिष्ठा वास्तव में देश के लिए गौरव का क्षण है और मंदिर निर्माण में सभी ने अपना योगदान दिया है. लेकिन, यह दावा करना गलत है कि देश अभी आजाद हुआ है. उन्हें रामलला के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

शिवसेना (उबाठा) के नेता ने कहा, “रामलला हजारों वर्षों से इस धरती पर विराजमान हैं. हमने उनके लिए लड़ाई लड़ी है और लड़ते रहेंगे, लेकिन रामलला को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने से देश को वास्तविक आजादी नहीं मिलेगी.”
सच्ची आजादी पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ मिली – मोहन भागवत
बता दें कि मोहन भागवत ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि सदियों तक विदेशी आक्रमणों को झेलने वाले भारत को सच्ची आजादी पिछले साल अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ मिली. उन्होंने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के दो दिन बाद कहा कि यह तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि अनेक सदियों से ‘‘परचक्र” (दुश्मन का आक्रमण) झेलने वाले भारत की सच्ची स्वतंत्रता इस दिन प्रतिष्ठित हुई थी.
भागवत ने कहा कि 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों से ‘‘राजनीतिक स्वतंत्रता” मिलने के बाद उस विशिष्ट दृष्टि की दिखाई राह के मुताबिक लिखित संविधान बनाया गया जो देश के ‘स्व’ से निकलती है, लेकिन यह संविधान उस वक्त इस दृष्टि भाव के अनुसार नहीं चला. उन्होंने कहा कि भगवान राम, कृष्ण और शिव के प्रस्तुत आदर्श और जीवन मूल्य ‘भारत के स्व’ में शामिल हैं और ऐसी बात कतई नहीं है कि ये केवल उन्हीं लोगों के देवता हैं, जो उनकी पूजा करते हैं.

राम मंदिर आंदोलन भारत का ‘स्व’ जागृत करने के लिए शुरू किया गया – भागवत
भागवत ने कहा कि आक्रांताओं ने देश के मंदिरों के विध्वंस इसलिए किए थे कि भारत का ‘‘स्व” मर जाए. राम मंदिर आंदोलन किसी व्यक्ति का विरोध करने या विवाद पैदा करने के लिए शुरू नहीं किया गया था. यह आंदोलन भारत का ‘स्व’ जागृत करने के लिए शुरू किया गया था, ताकि देश अपने पैरों पर खड़ा होकर दुनिया को रास्ता दिखा सके. उन्होंने कहा कि यह आंदोलन इसलिए इतना लम्बा चला, क्योंकि कुछ शक्तियां चाहती थीं कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर उनका मंदिर न बने.
भागवत ने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश में कोई कलह या झगड़ा नहीं हुआ और लोग ‘‘पवित्र मन” से प्राण प्रतिष्ठा के पल के गवाह बने.
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
पिता की गोद में दिख रही ये बच्ची है सुपरस्टार, 90’s में हुआ करती थी हर फिल्म की जान, आज बेटी का भी है बड़ा नाम…पहचाना क्या?
February 26, 2025 | by Deshvidesh News
‘अमेरिका फर्स्ट’ या यूक्रेन लास्ट? ट्रंप की नीति से परेशान हैं जेलेंस्की; रूस-US में क्या चल रही है डील?
February 23, 2025 | by Deshvidesh News
‘ड्रोन, डिजिटल इंडिया कहां है…?’ महाकुंभ में जाम को लेकर संसद में बोले अखिलेश यादव
February 11, 2025 | by Deshvidesh News