‘यह कोई चुनावी बजट नहीं…’, विपक्ष की आलोचना पर एनडीटीवी से बोलीं निर्मला सीतारमण, पढ़ें टॉप कोट्स
February 2, 2025 | by Deshvidesh News

- यह लोगों का बजट है. यह ‘जनता द्वारा, जनता का, जनता के लिए’ बजट है.
- मोदी सरकार ने हमेशा ईमानदार करदाताओं को मान्यता दी है. इसका उद्देश्य मध्यम वर्ग को सहायता प्रदान करना है.
- सरकार ने ‘विकसित भारत’ की नींव को मजबूत करने और कल्याणकारी योजनाओं के जरिये हेल्थ, न्यूट्रिशन और एज्युकेशन जैसे प्रमुख सेक्टरों पर समान रूप से ध्यान केंद्रित करने के बीच संतुलन बनाया है.
- मोदी सरकार का पिछले कुछ सालों के दौरान पूंजीगत व्यय पर फोकस रहा है और अब सरकार उपभोग बढ़ाने पर भी काफी जोर दे रही है.
- COVID-19 महामारी के बाद से सरकार पूंजीगत व्यय में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी कर रही है. यहां तक की सरकार ने पिछले साल 11.11 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की घोषणा भी की थी.
- आरई (राजस्व व्यय) की तुलना में पूंजीगत व्यय में 10.23 फीसदी की वृद्धि के बाद यह 11.21 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया. यह कोई सामान्य बात नहीं है.
- संपत्ति के बार-बार निर्माण पर सार्वजनिक व्यय इस स्तर पर पहुंच गया है कि 10.23 प्रतिशत की वृद्धि भी हमें सामान्य लगती है.
- केंद्र ने भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए कस्टम ड्यूटी को तर्कसंगत बनाने की शुरुआत की है.
- हम अपनी अर्थव्यवस्था को देख रहे हैं. हम भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव को मजबूत करना चाहते हैं, इसे मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाना चाहते हैं.
- एआई-संचालित, प्रौद्योगिकी-संचालित प्रक्रियाओं को कोई भी ना नहीं कह सकता है… हम लोगों को एआई के लिए प्रशिक्षित करने के लिए सेंटरों को विकसित कर रहे हैं.
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