मैं कोई देवता नहीं, मुझसे भी गलतियां होती हैं: पीएम मोदी का पहला पॉडकास्ट
January 10, 2025 | by Deshvidesh News

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के पॉडकास्ट शो में कई मुद्दों पर खुलकर बात की. पॉडकास्ट की शुरुआत में निखिल कामथ ने पीएम मोदी से कहा कि “मैं यहां आपके सामने बैठा हूं और बात कर रहा हूं, मुझे घबराहट हो रही है. यह मेरे लिए एक कठिन बातचीत है.” इस पर पीएम मोदी मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि “यह मेरा पहला पॉडकास्ट है, मुझे नहीं पता कि यह आपके दर्शकों को कैसा लगेगा.” पीएम ने कहा कि उनके जीवन का मंत्र यह है कि कभी भी बुरी नीयत से कोई गलत काम न करें.
पीएम ने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने एक भाषण दिया, जिसमें मैंने कहा, ‘मैं कड़ी मेहनत से पीछे नहीं हटूंगा’ और ‘मैं अपने लिए कुछ नहीं करूंगा’ और ‘मैं इंसान हूं जो गलतियां कर सकता हूं, लेकिन मैं कभी भी बुरे इरादे से कुछ गलत नहीं करूंगा.’ यह मेरे जीवन का मंत्र है. आखिरकार, मैं एक इंसान हूं, कोई भगवान नहीं.
हमेशा राष्ट्र को सबसे पहले रखना चाहिए
पीएम मोदी ने निखिल कामथ द्वारा होस्ट किए गए पॉडकास्ट में कहा गांधी और सावरकर के रास्ते अलग-अलग थे, लेकिन उनकी विचारधारा “स्वतंत्रता” थी. आदर्शवाद विचारधारा से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है. विचारधारा के बिना राजनीति नहीं हो सकती. हालांकि, आदर्शवाद बहुत ज़रूरी है. आज़ादी से पहले, (स्वतंत्रता सेनानियों की) विचारधारा आज़ादी थी. गांधी का रास्ता अलग था, लेकिन विचारधारा आज़ादी थी. सावरकर ने अपना रास्ता चुना, लेकिन उनकी विचारधारा आज़ादी थी.” अपनी विचारधारा पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमेशा राष्ट्र को सबसे पहले रखना चाहिए.
हमेशा ‘नेशन फर्स्ट’
मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो अपनी सुविधानुसार अपना रुख बदल ले. मैं सिर्फ़ एक ही विचारधारा में विश्वास करते हुए बड़ा हुआ हूं. अगर मुझे अपनी विचारधारा को कुछ शब्दों में बताना हो तो मैं कहूंगा, ‘नेशन फर्स्ट. ‘नेशन फर्स्ट’ टैगलाइन में जो भी चीज फिट बैठती है, वह मुझे विचारधारा और परंपरा की बेड़ियों में नहीं बांधती. इसने हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. मैं पुरानी चीजों को छोड़कर नई चीजों को अपनाने के लिए तैयार हूं. हालांकि, शर्त हमेशा ‘नेशन फर्स्ट’ की होती है.
पीएम ने कहा कि मैं बहुत ही साधारण विद्यार्थी रहा हूं. शिक्षक मुझसे बहुत प्यार करते थे. प्रधानमंत्री ने राजनीति में अच्छे लोगों के आने की वकालत की और इस बात पर जोर दिया कि उन्हें महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि मिशन के साथ आना चाहिए. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि मैं भी मनुष्य हूं, कोई देवता नहीं मुझसे भी गलतियां होती हैं. पॉडकास्ट में निखिल कामथ ने पीएम मोदी से दुनिया में चल रहे युद्ध को लेकर भी एक सवाल पूछा. जिसके जवाब में पीएम ने कहा कि क्राइसिस के इस समय में हमने लगातार कहा है कि हम तटस्थ नहीं हैं. उन्होंने कहा,’मैं लगातार कह रहा हूं कि मैं शांति के पक्ष में हूं.’
निखिल ने जब पीएम से पूछा कि उनके बतौर पीएम पहले और दूसरे कार्यकाल में क्या अंतर रहा. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि पहले कार्यकाल में लोग मुझे समझने की कोशिश कर रहे थे और मैं दिल्ली को समझने की कोशिश कर रहा था.
बातचीत के दौरान कामथ ने अपना अनुभव भी शेयर किया कि जब वह बड़े हो रहे थे, तो राजनीति काे नकारात्मक ढंग से देखा जाता था, आप इसे कैसे देखते हैं. पीएम मोदी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, “अगर आपको अपनी कही गई बातों पर विश्वास होता, तो हम यह बातचीत नहीं कर रहे होते.”
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