महाकुंभ में गांधी बन बच्चे ने खींचा लोगों को ध्यान, स्वच्छता के प्रति इस तरह कर रहा जागरूक
February 5, 2025 | by Deshvidesh News

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का मंगलवार को 23वां दिन था, जहां देशभर से हजारों श्रद्धालु रोजाना आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. इसी बीच महाकुंभ में एक नन्हा बच्चा लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जिसे ‘नन्हा गांधी गोलू’ के नाम से पहचाना जा रहा है. गोलू महात्मा गांधी की वेशभूषा में नजर आता है और श्रद्धालुओं को स्वच्छता का संदेश देता दिखाई दे रहा है. गोलू की मासूमियत और उसके संदेश से प्रभावित होकर श्रद्धालु न सिर्फ उसे गौर से सुन रहे हैं, बल्कि उसके साथ सेल्फी लेते हुए भी नजर आ रहे हैं. श्रद्धालु इसे महाकुंभ में अनोखी पहल मान रहे हैं, जो स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा दे रहा है.
लोगों की पहल को लोगों ने सराहा
महाकुंभ में आई एक महिला श्रद्धालु ने कहा कि यह छोटा सा बच्चा पूरे देश से आए लोगों को स्वच्छता का महत्वपूर्ण संदेश दे रहा है. उन्होंने कहा कि ‘स्वच्छ भारत रहेगा तो स्वस्थ भारत रहेगा’ और गोलू के माध्यम से यह संदेश हर किसी तक पहुंच रहा है. लोग गोलू के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं और स्वच्छता को लेकर एक नई सीख भी ले रहे हैं. यह सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है और हम सबको इस नन्हे बच्चे से सीखना चाहिए कि स्वच्छता हमारे जीवन में कितनी जरूरी है. नन्हें गांधी बने गोलू ने कहा, “मैं यह संदेश देने के लिए गांधी बना हूं कि साफ सफाई रखें. गंदगी नहीं करें. मैं दिल्ली से आया हूं. मैं लोगों से कहता हूं कि साफ सफाई रखें. गंदगी न करें.”
बच्चे को देख लोगों ने क्या कहा
एक श्रद्धालु नीलम भारद्वाज ने कहा, “मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. यह छोटा सा बच्चा पूरे देश को एक बड़ा संदेश दे रहा है. यहां सारे पौधे लग रहे हैं और स्वच्छ भारत का संदेश दे रहे हैं. यह संदेश बहुत अच्छा है कि अगर भारत स्वच्छ रहेगा तो स्वस्थ भारत भी रहेगा. लोग उसके साथ फोटो खिंचवा रहे हैं और एक सीख लेकर जा रहे हैं. इस छोटे बच्चे से हम सबको सीखना चाहिए कि स्वच्छता कितनी जरूरी है.” स्थानीय निवासी अनिरुद्ध प्रताप ने कहा, “ये गोलू हैं, जो दिल्ली से कुंभ मेले में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने आए हैं. जैसे हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता का मिशन शुरू किया है, वैसे ही गोलू भी लोगों को संदेश दे रहे हैं कि गंगा को स्वच्छ रखें. दिल्ली से आकर वे यहां तट पर खड़े रहते हैं. हमने उनकी मानसिकता को समझा और उनसे बात की, उन्होंने बताया कि वे गंगा की सफाई के लिए आए हैं, जिससे उन्हें बहुत अच्छा लगा.”
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