बांग्लादेश में फिर तख्तापलट की साजिश? समझिए कट्टरपंथी अफसर क्यों बना रहे आर्मी चीफ को हटाने का प्लान, ISI का क्या है रोल
January 27, 2025 | by Deshvidesh News

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को तख्तापलट हुआ था. अब करीब 5 महीने बाद फिर से तख्तापलट की सुगबुगाहट तेज हो गई है. भारत के साथ जारी विवाद के बीच बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लाम समर्थक लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैजुर रहमान सेना की बागडोर अपने हाथ में लेने के लिए साजिश रच रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद फैज-उर-रहमान ने मौजूदा आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमां के खिलाफ माहौल बनाने के लिए पिछले हफ्ते ढाका में पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के चीफ और उसके डेलीगेशन से मीटिंग की थी.
वैसे तो फैज-उर-रहमान अभी बांग्लादेशी आर्मी की कमान में नहीं हैं, लेकिन वह आर्मी के अंदर समर्थन जुटाने इंटेलिजेंस विंग DGFI का समर्थन जुटाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं. वहीं, इस कथित साजिश में लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद शाहीनुल हक और मेजर जनरल मुहम्मद मोइन खान का नाम भी सामने आ रहा है.
आइए समझते हैं तख्तापलट के लिए जनरल वकार-उज-जमां के खिलाफ कैसे माहौल बनाया जा रहा? बांग्लादेश में अभी कैसे हैं हालात? यूनुस सरकार को लेकर कैसा है माहौल? हसीना के देश छोड़ने के बाद पड़ोसी मुल्क का आर्थिक सेहत पर क्या पड़ा असर?
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39 साल से सेना में सेवा दे रहे जमां
बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमां पिछले 39 साल से बांग्लादेश की सेना में हैं. उन्होंने बांग्लादेश की मिलिट्री एडेकडमी से ग्रैजुएशन किया है. फिर उन्होंने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ बांग्लादेश से डिफेंस स्टडी में मास्टर्स की डिग्री ली. जमां लंदन के किंग्स कॉलेज से डिफेंस स्टडी में MA की पढ़ाई भी कर चुके हैं. नवंबर 2020 में उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में प्रमोट किया गया था. उन्होंने यूनाइटेड नेशंस के पीस मिशन में भी का किया है. 23 जून 2024 को जमां चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यानी बांग्लादेश के आर्मी चीफ बनाए गए.
शेख हसीना की चचेरी बहन से की शादी
वकार जमां की शादी अपदस्थ PM शेख हसीना की चचेरी बहन से हुई है. आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमां की बेगम साराहनाज कामालिका रहमान, शेख हसीना के चाचा मुस्तफिजुर रहमान की बेटी हैं. मुस्तफिजुर रहमान 1997 से 2000 तक सेना की बागडोर संभाल चुके हैं.
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फैज-उर-रहमान को जमां से क्या है दिक्कत?
बांग्लादेश की सेना में लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैज-उर-रहमान मौजूदा समय में क्वार्टर मास्टर जनरल के पद पर तैनात हैं. वह कट्टर इस्लामिक विचारधारा के समर्थक माने जाते हैं. दूसरी ओर मौजूदा आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमां को एक उदारवादी और भारत समर्थक सैन्य नेता के रूप में देखा जाता है. उन्होंने भारत-बांग्लादेश सीमा पर शांति बनाए रखने में अमह भूमिका निभाई है. कहा जा रहा है कि शेख हसीना को भारत पहुंचाने के पीछे भी वकार-उज-जमां की अहम भूमिका थी. दूसरी ओर, एक कट्टर इस्लाम विचारधारा के समर्थक होने के नाते फैज, जमां को बर्दाश्त नहीं कर पाते. लिहाजा उन्हें सेना की कमान छिनने के लिए पूरी कोशिश में लगे हैं.
ISI का क्या है रोल?
बांग्लादेश के अखबार ‘डेली स्टार’ और ‘ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट की मानें, तो इस पूरे मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं. लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैज-उर-रहमान ने ढाका में हाल ही में ISI चीफ और डेलीगेशन के साथ घंटों मीटिंग की थी. रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की सेना को भारत के प्रभाव से मुक्त करने और कट्टरपंथी दिशा में मोड़ने की कोशिशें हो रही हैं. जमां का भारत के प्रति जो उदारवादी रवैया है, वो ISI को कतई रास नहीं आ रहा है. लिहाजा वह रहमान का साथ दे रहा है. इस साजिश में बाकायदा बांग्लादेशी खुफिया एजेंसी DGFI से काम लिया जा रहा है.
पाकिस्तान लंबे समय से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में अशांति फैलाने की कोशिश करता रहा है. अगर बांग्लादेश की सेना पर कट्टरपंथी ताकतों का कब्जा हो गया, तो यह भारत के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकता है.
5 जून को क्या हुआ था?
बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इसके बाद से ही ढाका में यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स प्रोटेस्ट कर रहे थे. यह आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को दिया जा रहा था. यह आरक्षण खत्म कर दिया गया तो छात्र सड़कों पर उतर आए थे. इसके बाद हर दिन हिंसक घटनाएं होती रहीं. हिसंक प्रदर्शन के बीच 5 अगस्त को शेख हसीना ने PM पद से इस्तीफा दे दिया और बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं. इसके बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली. बाद में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में सलाहकार सरकार का गठन हुआ.
बांग्लादेश में अभी कैसे हैं हालात?
बांग्लादेश में अभी हालात तनावपूर्ण हैं. हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. भारत के साथ भी यूनुस सरकार का तनाव बढ़ता जा रहा है.
हसीना के देश छोड़ने के बाद आर्थिक सेहत पर क्या पड़ा असर?
वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बांग्लादेश के लिए GDP ग्रोथ के पूर्वानुमान को 0.1% घटाकर 5.7% कर दिया है. यहां महंगाई दर 10% के करीब पहुंच गई है. इस बीच अमेरिका में ट्रंप सरकार ने बांग्लादेश को देने वाली मदद भी रोक दी है. इससे बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था तेजी से नीचे गिर रही है.
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