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पावर और एनर्जी सेक्टर की 63% कंपनियां हायरिंग बढ़ाने की बना रहीं योजना, इंजीनियर की डिमांड सबसे अधिक 

February 14, 2025 | by Deshvidesh News

पावर और एनर्जी सेक्टर की 63% कंपनियां हायरिंग बढ़ाने की बना रहीं योजना, इंजीनियर की डिमांड सबसे अधिक

Tremendous increase in demand for appointments in power and energy sector: देश में बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में नियुक्तियों की मांग में शानदार वृद्धि देखी जा रही है. गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 63 प्रतिशत कंपनियों ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में अपने कार्यबल में विस्तार की योजना के संकेत दिए. हायरिंग में यह उछाल मुख्य रूप से रिन्यूएबल एनर्जी, एनर्जी एफिशिएंसी और स्मार्ट ग्रिड सॉल्यूशन में स्किल्ड प्रोफेशनल की जरूरत के कारण देखा जा रहा है.

बेंगलुरु 51 प्रतिशत नियोक्ताओं के साथ वर्कफोर्स में आगे

जॉब लोकेशन को लेकर बेंगलुरु 51 प्रतिशत नियोक्ताओं के साथ अपने वर्कफोर्स को बढ़ाने में सबसे आगे है. इसके बाद कोयंबटूर और भोपाल 50-50 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं. एक प्रमुख स्टाफिंग समूह टीमलीज सर्विसेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि उभरते हुए जॉब मार्केट की श्रेणी में वडोदरा 21 प्रतिशत के साथ सूची में सबसे ऊपर है. इसके बाद क्रमशः विशाखापट्टनम 17 प्रतिशत और भोपाल 15 प्रतिशत का स्थान है.

इंजीनियर की डिमांड सबसे अधिक

बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में सबसे अधिक मांग वाली भूमिकाओं में इंजीनियरिंग पद शामिल हैं, जिसमें 63 प्रतिशत नियोक्ता सक्रिय रूप से नियुक्तियां कर रहे हैं. बिक्री पेशेवरों की भर्ती मांग में 61 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) विशेषज्ञों की भर्ती भावना में 48 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि रिन्यूएबल एनर्जी, एनर्जी एफिशिएंसी कंसल्टिंग और स्मार्ट ग्रिड विश्लेषण में प्रमुख पदों पर भी क्लीन एनर्जी पहलों और स्थिरता लक्ष्यों को सपोर्ट करने के लिए मांग में वृद्धि देखी जा रही है.

देश के औद्योगिक और आर्थिक भविष्य

टीमलीज सर्विसेज के मुख्य परिचालन अधिकारी सुब्बुराथिनम पी. के अनुसार, भारत का बिजली और ऊर्जा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जो वैश्विक स्थिरता प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए देश के औद्योगिक और आर्थिक भविष्य को आकार दे रहा है.

साल 2070 तक नेट जीरो कार्बन एमिशन प्राप्त करने और 2030 तक अपनी बिजली का 50 प्रतिशत नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करने की प्रतिबद्धता के साथ, भारत खुद को ग्लोबल क्लीन एनर्जी मूवमेंट में नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित कर रहा है.

स्किल्ड वर्कफोर्स की मजबूत मांग

उन्होंने कहा, “ये महत्वाकांक्षी लक्ष्य हाईली स्किल्ड वर्कफोर्स की मजबूत मांग पैदा कर रहे हैं. जैसे-जैसे कंपनियां अपनी भर्ती रणनीतियों को उभरते रुझानों के साथ जोड़ेंगी, वे सस्टेनेबिलिटी, एनर्जी एफिशिएंसी और ग्रिड आधुनिकीकरण में अवसरों का लाभ उठाने के लिए बेहतर स्थिति में होंगी.” भारत के बिजली और ऊर्जा क्षेत्र में निरंतर विकास हो रहा है, इसलिए संगठन इनोवेशन और एफिशिएंसी को बढ़ावा देने के लिए स्किल्ड वर्कफोर्स के निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
 

 

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