पहले ही दिन 100 से ज्यादा फैसले! अमेरिका में शपथ लेते ही ट्रंप का ‘दे दनादन’, बताया डे-1 का प्लान
January 19, 2025 | by Deshvidesh News

डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं. उनके शपथ ग्रहण की सभी तरह की तैयारियों को पूरा कर लिया है. इस खास मौके के लिए दुनियाभर से राष्ट्रअध्यक्ष और बिजनेस टाइकून को आमंत्रित किया गया है. भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस जयशंकर वाशिंगटन डीसी जा रहे हैं. अपने शपथ ग्रहण से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ये साफ कर दिया है कि वह एक बार फिर राष्ट्रपति पद संभालने के साथ ही काम पर लग जाएंगे. बतौर राष्ट्रपति उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले दिन ही रिकॉर्ड संख्या में कार्यकारी आदेश जारी करने की तैयारी कर ली है. ट्रंप आदेश पर हस्ताक्षर करने की शुरुआत अपने उद्घाटन भाषण के ठीक बाद से करने जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि ट्रंप अपने कार्यकाल के पहले दिन ही 100 से अधिक फाइलों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.
क्या क्या खास, क्यों है ये हटके
- इस बार भव्य तरीके से शपथ ग्रहण की तैयारियां हुई हैं
- चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ-साथ कई राष्ट्राध्यक्षों को ट्रंप का पर्सनल इंविटेशन
- परेड में शामिल होने के लिए एक भारतीय अमेरिकी ‘ढोल बैंड’ को न्योता
- शपथ ग्रहण समारोह कमिटी को मिला 170 मिलियन डॉलर से अधिक का चंदा
- कई उद्योगपतियों को नहीं मिल पाया शपथ ग्रहण का VIP पास
बाइडेन की नीतियों को रद्द कर सकते हैं ट्रंप
कहा जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद संभालते ही जिन फाइलों पर साइन करने वाले हैं उनमें से कई फाइलें बाइडन शासन के दौरान लिए गए फैसलों को रद्द करने से जुड़ी हो सकती हैं. अपने नए कार्यकाल के पहले दिन के लिए ट्रम्प के वादों में सामूहिक निर्वासन कार्यक्रम भी शामिल है.ट्रम्प ने एनबीसी को बताया कि बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों का निष्कासन बहुत, बहुत जल्दी शुरू होगा.

ट्रंप ने लगाया था बाइडेन पर आरोप
कुछ दिन पहले डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बाइडेन पर ट्रांस्फर ऑप पॉवर यानी सत्ता हस्तांतरण को कठिन बनाने का आरोप लगाया है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने हाल के दिनों में जलवायु और अन्य प्रशासनिक मुद्दों पर बाइडेन प्रशासन के कार्यकारी आदेशों का उदाहरण देते हुए यह आरोप लगाया.ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा कि बाइडेन इस बदलाव को जितना संभव हो सके उतना मुश्किल बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं. इसमें कानूनी कार्रवाई से लेकर ग्रीन न्यू स्कैम और अन्य पैसे बर्बाद करने वाले महंगे और हास्यास्पद कार्यकारी आदेश शामिल हैं.’

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि डरो मत, ये सभी ‘आदेश’ जल्द ही समाप्त हो जाएंगे, और हम सामान्य समझ और ताकत वाला राष्ट्र बन जाएंगे.बाइडेन के साथ ही ट्रंप कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो पर भी काफी हमलावर रहे हैं. कनाडाई प्रधानमंत्री जब अपने इस्तीफे की घोषणा की तो उन्होंने तंज कसते हुए एक बार फिर कनाडा को अमेरिका में मिला देने का ऑफर किया.
बता दें कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता पद और प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, वह लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक प्रधानमंत्री पद पर रहेंगे.ट्रंप ने ट्रूडो की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद अपने प्रस्ताव को फिर दोहराया. ट्रुथ सोशल पर उन्होंने कहा कि कनाडा में बहुत से लोग 51वें राज्य का हिस्सा बनना पसंद करेंगे. संयुक्त राज्य अमेरिका अब उस बड़े व्यापार घाटे और सब्सिडी को सहन नहीं कर सकता है जिनकी कनाडा को बने रहने के लिए जरूरत है.जस्टिन ट्रूडो को यह पता था और उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
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