“दिल्ली में कम हुए हैं अपराध”, दिल्ली पुलिस ने आंकड़ों से क्या AAP के दावों की खुली पोल?
January 11, 2025 | by Deshvidesh News

दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2025) होने हैं. चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वेसै राजनीतिक हमले और आरोप-प्रत्यारोप तेज होते जा रहे हैं. राजनीतिक दल जीत हासिल करने के लिए एक-दूसरे की कमियां गिनवाने की कोशिश में लगे हुए हैं. आम आदमी पार्टी (AAP) इस मामले में बिल्कुल भी पीछे नहीं है. वह दिल्ली में क्राइम (Delhi Crime)के मुद्दे को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरने में जुटी है. AAP का आरोप है कि दिल्ली में क्राइम की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, केंद्र की बीजेपी सरकार कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर नाकाम साबित हो ही है और अपराधों पर लगाम नहीं कस पा रही है. एक तरफ आप अपराध बढ़ने का आरोप लगा रही है तो दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं, जिनके मुताबिक दिल्ली में क्राइम रेट पिछले कुछ सालों के मुकाबले घटा है.

दिल्ली में 10 सालों में कितना घटा क्राइम?
दिल्ली पुलिस ने पिछले 10 सालों का आंकड़ा जारी किया है. साल 2015 से लेकर 2024 तक दिल्ली में क्राइम के कितने मामले सामने आए, ये बताया गया है. इनमें हत्या, रेप, लूट, झपटमारी, महिला अपराध, दंगा और टोटल IPC समेत न्य मामले भी शामिल हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में साल 2015 के मुकाबले पिछले 10 सालों में क्राइम बढ़ा नहीं बल्कि कम हुआ है. जब कि आम आदमी पार्टी क्राइम बढ़ने का दावा कर रही है. दिल्ली पुलिस के आंकड़े सामने आने के बाद AAP के आरोप गलत साबित हो रहे हैं.
2015 से 2024 तक के आपराधिक मामले जारी
पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में साल 2015 में मर्डर के 570 मामले सामने आए थे, जो 2016 में घटकर 528 हुए और साल 2024 में ये 504 रह गए. वहीं रेप की घटनाओं पर अगर नजर डालें तो साल 2015 में ये आंकड़े 2199 थे, जो साल 2016 में घटकर 2155 हुए और साल 2024 में घटकर 2076 रह गए. वहीं बात अगर दंगों की करें को साल 2015 में 130 मामले सामने आए थे, जो कि साल 2016 में घटकर 79 हुए और साल 2024 में घटकर 33 रह गए.

दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, लूट के मामलों को अगर देखा जाए तो साल 2015 में ये 7407 थे जो कि 2016 में घटकर 4761 रह गए और साल 2024 में ये 1510 हो गए. महिला अपराधों के मामले 2015 में 5367 थे, जो 2016 में घटकर 4165 हुए और साल 2024 में 2037 हो गए. झपटमारी की अगर बात करें तो साल 2015 में ये मामले 9896 थे जो साल 2016 में 9571 हुए और साल 2024 में ये 6493 रह गए. टोटल IPC के मामले साल 2015 में 191377 थे जो साल 2016 में 209519 हुए और साल 2024 में ये 276894 रह गए.
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