दिल्ली की मुस्लिम बहुल सीट मुस्तफाबाद पर कैसे जीते बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट? AAP क्यों हारी
February 10, 2025 | by Deshvidesh News

Mohan Singh Bisht Won Muslim Dominated Mustafabad Seat: बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट की चर्चा दिल्ली ही नहीं, देश भर में हो रही है. दिल्ली चुनावों के दौरान जब टिकटों का ऐलान हुआ तो करावलनगर के सीट से विधायक होते हुए भी मोहन सिंह बिष्ट का टिकट काटकर कपिल मिश्रा को दे दिया गया. मोहन सिंह बिष्ट ने इसे पार्टी की ‘भूल’ करार दिया तो पार्टी ने अपने इस अनुभवी नेता से बात की और उन्हें मुस्तफाबाद की मुस्लिम बहुल सीट से मैदान में उतार दिया. मोहन सिंह बिष्ट इसके बाद पूरे तन-मन से चुनाव लड़ने लगे. हालांकि, जानकर मोहन सिंह की हार तय मानकर चल रहे थे. रिजल्ट आया तो बिष्ट ने आम आदमी पार्टी के अदील अहमद खान को 17,578 वोटों से हरा दिया.
मोहन सिंह बिष्ट को 85, 215 वोट मिले. आदिल खान को 67,637 मिले. इस सीट पर एआईएमआईएम के उम्मीदवार ताहिर हुसैन 33,474 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे और कांग्रेस के अली मेहदी को 11,763 मत हासिल हुए.
मुस्तफाबाद सीट का गणित
मुस्तफाबाद वो विधानसभा सीट है, जहां 39.5% मुस्लिम आबादी है. यहां एआईएमआईएम ने आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद और 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को अपना उम्मीदवार बनाया था. उत्तर पूर्वी दिल्ली का मुस्तफाबाद 2020 के दंगों के दौरान सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक था. इस दंगे में कम से कम 53 लोगों की जान चली गई थी. इसी दंगे के दौरान मोहन सिंह बिष्ट भी विवादों में आ गए थे. एक महिला ने उन पर दंगों के दौरान भीड़ का नेतृत्व करने और उसकी दुकान में आग लगाने का आरोप लगाया था. हालांकि, उनके खिलाफ कोई आरोप दायर नहीं किया गया था.

एआईएमआईएम के कारण हारी आप?
यही कारण है कि आम आदमी पार्टी अब कह रही है कि एआईएमआईएम के कारण वो ये सीट हार गई. मगर ये तो वो कांग्रेस के लिए भी कह रही है. दरअसल, आप का वोट शेयर इस विधानसभा सीट पर भी काफी गिरा है. आप के उम्मीदवार को इस सीट पर 33.62 फीसदी वोट मिले हैं. वहीं बीजेपी उम्मीदवार को 42.36 फीसदी. अगर आप ये आरोप लगा रही है कि एआईएमआईएम के कारण वो हार गई क्योंकि मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो गया तो मुस्लिम आबादी तो 39.5% फीसदी ही है. मतलब अगर आप को पिछले चुनाव में सारे मुस्लिम वोट भी मिले थे, तो भी ये 6 फीसदी ही तो कटा. इलेक्शन कमीशन के आंकड़े बताते हैं कि एआईएमआईएम के उम्मीदवार को 16.64 फीसदी मत मिले. साफ है कि आप के उम्मीदवार के हिंदू वोट भी कटे हैं. इसका मतलब है कि जिस तरह से हिंदू वोट बंटे हैं, उसी तरह मुस्लिम वोट भी बंटे हैं. ये जाहिर करता है कि चुनाव में वोट हिंदू-मुस्लिम से ज्यादा आप सरकार के कामकाज और प्रत्याशियों व उनके पार्टी के वादों पर पड़े हैं.
कौन हैं मोहन सिंह बिष्ट
बीजेपी ने यही भांप कर मोहन सिंह बिष्ट को इस सीट पर मैदान में उतारा था. वो दिल्ली की राजनीति में अनुभवी नेता माना जाते हैं. वो पहली बार 1998 में करावल नगर से विधायक चुने गए थे. यह सीट उन्होंने 2015 तक बरकरार रखी. हालांकि, 2015 में वह आप के टिकट पर तब चुनाव लड़े कपिल मिश्रा से हार गए थे. इसके पांच साल बाद, बिष्ट ने आप के दुर्गेश पाठक को हराकर करावल नगर पर दोबारा कब्ज़ा कर लिया. मोहन सिंह बिष्ट को काफी मिलनसार नेता माना जाता है. यही कारण है कि वो बार-बार चुनाव जीतते रहे हैं. मुस्तफाबाद से टिकट मिलने पर मोहन बिष्ट ने कहा था, “मैं 1998 से 2008 तक करावल नगर का विधायक था, जब मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र का गठन हुआ था. यहां लोग मेरे समर्थन में सड़कों पर आ गए हैं… पार्टी की ओर से भी काफी समर्थन मिल रहा है… मुझे यकीन है कि मुस्तफाबाद पहली सीट होगी, जो बीजेपी जीतेगी.” मुस्तफाबाद सीट जीतकर उन्होंने अपने दावे को सही साबित कर दिया.
ये भी पढ़ें-
मुस्तफाबाद का नाम बदलने पर क्यों अड़ गए BJP विधायक, पढ़ें आखिर क्या है इसके पीछे का ‘खेल’
पछता तो बहुत रहे होंगे केजरीवाल, बस ये एक काम कर लेते तो बच जाती सरकार
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
आटा गूंथने वाले पानी में मिलाएं ये चीज, सुबह पेट की सारी गंदगी निकल जाएगी बाहर, नहीं फूलेगा पेट
February 14, 2025 | by Deshvidesh News
Republic Day के मौके पर दिल्ली मेट्रो का ऐलान, इस समय से शुरू होंगी सेवाएं
January 24, 2025 | by Deshvidesh News
RRB ALP Cut Off 2025: सीबीटी 1 के लिए आरआरबी एएलपी कट-ऑफ जारी, CBT 2 परीक्षा 19 और 20 मार्च को
February 27, 2025 | by Deshvidesh News