जुड़वा बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं में हार्ट डिजीज का रिस्क दोगुना, अध्ययन में हुआ खुलासा
February 3, 2025 | by Deshvidesh News

सोमवार को हुए एक अध्ययन के अनुसार, जुड़वां बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं में दिल की समस्या का जोखिम एकल जन्म वाली महिलाओं की तुलना में दोगुना होता है. यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित शोध से पता चला है कि जुड़वां बच्चों की मां को जन्म के एक साल बाद हार्ट डिजीज के कारण अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम ज्यादा होता है. खासतौर से, उन लोगों में रिस्क और भी ज्यादा होता है जिन्हें गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति थी, जिसे प्रीक्लेम्पसिया भी कहा जाता है.
अमेरिका में रटगर्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में यह अध्ययन ऐसे समय में किया गया है, जब “दुनिया भर में जुड़वां गर्भधारण की दर हाल के दशकों में बढ़ी है, जिसका कारण फर्टिलिटी ट्रीटमेंट और मां की ज्यादा उम्र है”.
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जुड़वां गर्भधारण के लिए हार्ट करता है ज्यादा मेहनत
रटगर्स रॉबर्ट वुड जॉनसन मेडिकल स्कूल में मेटरनल फेटल मेडिसिन फेलो, प्रमुख लेखक डॉ. रूबी लिन ने कहा, “एकल गर्भधारण की तुलना में जुड़वां गर्भधारण के लिए मेटरनल हार्ट ज्यादा मेहनत करता है और मेटरनल हार्ट को गर्भावस्था से पहले की स्थिति में लौटने में कई हफ्ते लगते हैं.” उन्होंने कहा, “जुड़वां गर्भधारण वाले लोगों को जन्म के बाद पहले साल में हार्ट डिजीज का रिस्क के अल्पकालिक वृद्धि के बारे में पता होना चाहिए, भले ही उनकी गर्भावस्था हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति, जैसे कि प्री-एक्लेमप्सिया से जटिल न हुई हो.” अध्ययन ने 2010 से 2020 तक अमेरिका में 36 मिलियन अस्पताल में प्रसव के आंकड़ों का एनालिसिस किया.
प्रेगनेंसी के बाद अस्पताल में भर्ती होने की संभावना लगभग दोगुनी:
परिणामों से पता चला कि जुड़वां बच्चों वाली महिलाओं में जन्म देने के एक साल के भीतर हार्ट डिजीज के लिए दोबार भर्ती होने का अनुपात (1,105.4 प्रति 100,000 प्रसव) एकल गर्भधारण वाली महिलाओं (734.1 प्रति 100,000 प्रसव) की तुलना में ज्यादा था. सामान्य ब्लड प्रेशर वाली एकल गर्भधारण की तुलना में सामान्य ब्लड प्रेशर वाले जुड़वां बच्चों वाले लोगों में हार्ट डिजीज के साथ अस्पताल में भर्ती होने की संभावना लगभग दोगुनी थी.
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जुड़वां बच्चों के लिए जोखिम आठ गुना से भी ज्यादा
गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर वाले जुड़वां बच्चों के लिए जोखिम आठ गुना से भी ज्यादा था. हालांकि, अध्ययन से पता चला है कि जन्म के एक साल बाद हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति वाले जुड़वां बच्चों की तुलना में एकल गर्भावस्था वाले रोगियों में हार्ट डिजीज सहित किसी भी कारण से मृत्यु ज्यादा थी.
इससे पता चलता है कि जुड़वां बच्चों की माताओं के लिए जोखिम लंबे समय में कम हो जाता है, जबकि एकल बच्चों की माताओं में अन्य पहले से मौजूद हार्ट रिलेटेड रिस्क कारक हो सकते हैं.
लिन ने कहा कि फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से गुजरने वाले रोगियों, खासतौर से वृद्धावस्था, मोटापे, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट डिजीज वाले रोगियों को सलाह दी जानी चाहिए कि जुड़वां गर्भधारण से कम समय में ही हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ जाता है.
उन्होंने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से हाई रिस्क वाली गर्भावस्थाओं के लिए जन्म के एक साल बाद तक फॉलो-अप एक्शन जारी रखने का भी आग्रह किया.
Watch Video: डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में होते हैं ये बड़े बदलाव
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