Desh Videsh News – Breaking News, Politics, Business & Sports Updates

चीन पर भड़के अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो, जानें क्या कुछ कहा 

January 16, 2025 | by Deshvidesh News

चीन पर भड़के अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो, जानें क्या कुछ कहा

अमेरिका और चीन (US-China) के रिश्तों पर दुनियाभर की नजरें है. खासकर तब जब 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं. ट्रंप (Donald Trump) ने मार्को रुबियो (Marco Rubio) को विदेश मंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना है. रुबियो को चीन के प्रति सबसे आक्रामक लोगों में से एक माना जाता है. वो हमेशा अमेरिका के दुश्मनों के लिए सख्त रुख अपनाने की वकालत करत रहे हैं. मार्को रुबियो अब अमेरिका की विदेश नीति को नई दिशा देंगे. उन्होंने चीन को झूठा, धोखेबाज़ और चोर करार दिया. साथ ही साइबर अपराधों और जासूसी के लिए दोषी ठहराया.

रुबियो के निशाने पर चीन

मार्को रुबियो ने कहा, “हमने इस वैश्विक व्यवस्था में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का स्वागत किया और उन्होंने इसके सभी फायदों का लाभ उठाया. लेकिन उन्होंने इसके सभी दायित्वों और जिम्मेदारियों को नजरअंदाज कर दिया,” उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने झूठ बोला, धोखा दिया, हैकिंग की और यही नहीं बल्कि वैश्विक महाशक्ति का दर्जा हासिल करने के लिए चोरी की.” डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अचानक विदेश नीति में आए बदलाव का इशारा करते हुए रुबियो ने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध के बाद की वैश्विक व्यवस्था न केवल पुरानी हो गई है; बल्कि अब यह हमारे खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला हथियार बन गई है.”

बाइडेन की विदेश नीति को किया खारिज

इसके साथ ही उन्होंने जो बाइडेन की विदेश नीति के उस रुख को खारिज कर दिया, जिसमें अमेरिका के नेतृत्व वाली “उदार विश्व व्यवस्था” को प्राथमिकता दी गई है. इसके बजाय उन्होंने ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका के आक्रामक रुख की वकालत की, जिसके लिए ‘अमेरिका फर्स्ट’ अहम है. चीन पर निशाना साधते हुए रुबियो ने तानाशाही के खतरों के बारे में चेतावनी देते हुए कहा कि बीजिंग के अलावा, “मॉस्को, तेहरान और प्योंगयांग के तानाशाह दुनिया में अराजकता और अस्थिरता फैला रहे हैं.”

रूस-यूक्रेन युद्ध पर कही ये बात

रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में बोलते हुए, रुबियो ने कहा कि ट्रंप का आने वाला प्रशासन यूक्रेन में युद्ध को प्राथमिकता के आधार पर समाप्त करने के लिए जरूरी फैसला लेगा और साहसिक कूटनीति पर काम करेगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि 20 जनवरी से, सभी विदेश नीति निर्णय केवल एक प्रमुख मानदंड के आधार पर किए जाएंगे. ये निर्णय अमेरिका को सुरक्षित, मजबूत और अधिक समृद्ध बनाने के लिए होंगे.” उन्होंने कहा, “जबकि अमेरिका ने अक्सर हमारे मुख्य राष्ट्रीय हितों से ऊपर ‘वैश्विक व्यवस्था’ को तवज्जों देना जारी रखा, अन्य देशों ने हमेशा की तरह कार्य करना जारी रखा और हमेशा करेंगे, जो उन्हें अपने सर्वोत्तम हित में लगता है,” 

 

RELATED POSTS

View all

view all
WhatsApp