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चालू वित्त वर्ष में नेट डायरेक्ट Tax कलेक्शन में 15.88% का बड़ा उछाल, सरकारी खजाने में आए 16.89 लाख करोड़ रुपये 

January 14, 2025 | by Deshvidesh News

चालू वित्त वर्ष में नेट डायरेक्ट Tax कलेक्शन में 15.88% का बड़ा उछाल, सरकारी खजाने में आए 16.89 लाख करोड़ रुपये

चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान अब तक भारत में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Net Direct Tax Collection) 15.88 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 16.90 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा दी गई है.डायरेक्ट टैक्स वो टैक्स है, जो सीधे नागरिकों और कंपनियों से वसूला जाता है, जैसे व्यक्तिगत आयकर, कॉरपोरेट टैक्स, और प्रतिभूति लेनदेन कर. इसका उपयोग सरकारी खर्चों और विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए किया जाता है.

व्यक्तिगत आयकर कलेक्शन में बढ़ोतरी

CBDT के अनुसार, गैर-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन जिसमें मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर (Individual Income Tax Collection) शामिल है, 8.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है.

कॉरपोरेट टैक्स और एसटीटी कलेक्शन में सुधार

कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) कलेक्शन, यानी कंपनियों द्वारा जमा किए गए कर, भी 7.68 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वहीं, प्रतिभूति लेनदेन कर (Securities Transaction Tax – STT) कलेक्शन 44,538 करोड़ रुपये रहा.

Tax रिफंड में भी बड़ी बढ़ोतरी

सरकार ने इस वित्त वर्ष में 12 जनवरी तक 3.74 लाख करोड़ रुपये से अधिक का इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) जारी किया है. यह राशि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 42.49 प्रतिशत अधिक है. रिफंड की बढ़ती राशि टैक्सपेयर्स को राहत प्रदान कर रही है.

1 अप्रैल 2024 से 12 जनवरी 2025 तक, भारत का कुल (ग्रॉस) डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 20 प्रतिशत बढ़कर 20.64 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.

सरकार का क्या है लक्ष्य?

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स से 22.07 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसमें 10.20 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन, 11.87 लाख करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर और अन्य टैक्स शामिल हैं.

देश की आर्थिक मजबूती का संकेत

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में यह वृद्धि देश की आर्थिक मजबूती और बेहतर कर अनुपालन (Tax Compliance) का संकेत देती है. बढ़ता रिफंड और मजबूत कलेक्शन सरकारी वित्तीय स्थिति को स्थिर बनाए रखने में मदद करेगा.

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