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गोलगप्पे बेचने वाले ने कमा लिए 40 लाख, आ गया GST का नोटिस, इंटरनेट पर छिड़ी बहस 

February 10, 2025 | by Deshvidesh News

गोलगप्पे बेचने वाले ने कमा लिए 40 लाख, आ गया GST का नोटिस, इंटरनेट पर छिड़ी बहस

GST Notice To Pani Puri Seller: हाल ही में तमिलनाडु के एक पानी पुरी विक्रेता को जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टेक्स डिपार्टमेंट) (Goods and Services Tax (GST) की ओर से नोटिस भेजा गया है, क्योंकि उन्होंने 2023-24 वित्तीय वर्ष में डिजिटल माध्यम से लगभग ₹40 लाख की कमाई की थी. यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. जीएसटी अधिनियम के तहत, जिन व्यवसायों की वार्षिक आय ₹40 लाख से अधिक होती है, उन्हें जीएसटी पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है. 

यहां देखें पोस्ट

डिजिटल भुगतान बना जांच का आधार (GST notice issued to pani puri seller)

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पानी पुरी विक्रेता (pani puri vendor) को 17 दिसंबर 2024 को तमिलनाडु वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम और केंद्रीय जीएसटी अधिनियम के तहत समन जारी किया गया. अधिकारियों ने विक्रेता को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और पिछले तीन वर्षों के वित्तीय दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. मुख्य रूप से डिजिटल लेन-देन के माध्यम से प्राप्त किए गए बड़े भुगतान इस जांच का केंद्र हैं.  

क्या पानी पुरी बेचना कॉर्पोरेट नौकरी से बेहतर? (panipuri gst notice)

इस घटना के बाद, इंटरनेट पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. कई लोगों ने कहा कि 40 लाख रुपये केवल प्राप्त राशि है, न कि शुद्ध मुनाफा. एक यूजर ने लिखा, “40 लाख उनकी कुल बिक्री है, इसमें सामग्री, श्रम और अन्य खर्चों को घटाने के बाद ही असली मुनाफा सामने आएगा.” वहीं, कुछ लोगों ने अनुमान लगाया कि यदि डिजिटल भुगतान 40 लाख रुपये है, तो नकद भुगतान भी बड़ी मात्रा में होगा. एक यूजर ने कहा, “यदि 50% ग्राहक नकद भुगतान कर रहे हैं, तो उनकी कुल कमाई ₹60 लाख से भी अधिक हो सकती है.”  

कॉमेडियन का वीडियो भी हुआ वायरल (panipuri viral notice)

कुछ लोगों ने चिंता जताई कि इस तरह के मामलों से छोटे व्यापारियों को नुकसान हो सकता है. एक टिप्पणी में कहा गया, “पानी पुरी विक्रेता अगर जीएसटी जोड़कर बिक्री करेगा, तो उसकी कीमत बढ़ जाएगी और ग्राहक अन्य कम कीमत वाले विक्रेताओं की ओर चले जाएंगे. यह कार्रवाई नकद लेन-देन को बढ़ावा देगी.” इस बीच, एक कॉमेडियन का वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने पानी पुरी व्यवसाय को कॉर्पोरेट नौकरी से बेहतर बताया. उन्होंने कहा कि पानी पुरी विक्रेताओं के पास ग्राहकों की कोई कमी नहीं होती, जबकि कॉर्पोरेट नौकरियों में ग्राहक ढूंढना चुनौतीपूर्ण होता है. इसके अलावा, इस व्यवसाय में कार्य घंटे होते हैं और छुट्टियों की भी पाबंदी नहीं होती.

क्या GST नियमों में बदलाव की जरूरत? (panipuri viral video)

यह मामला छोटे व्यवसायों के लिए कराधान प्रणाली की जटिलताओं को उजागर करता है. क्या पानी पुरी विक्रेता जैसे छोटे व्यापारियों के लिए कर नियमों में बदलाव की जरूरत है, या फिर यह डिजिटल भुगतान को कम करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देगा? इस मुद्दे पर बहस अभी जारी है.  

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