कौन हैं हर्षा रिछारिया? ग्लैमर छोड़ क्यों अपनाया आध्यात्म… महाकुंभ की ‘सबसे सुंदर साध्वी’ का Exclusive इंटरव्यू
January 15, 2025 | by Deshvidesh News

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025)का शुभारंभ 13 जनवरी से हुआ. शुरुआत के 2 दिन में करीब 4 करोड़ लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. महाकुंभ में पुण्य कमाने के लिए देश-दुनिया से लोग पहुंच रहे हैं. महाकुंभ में एक महिला पहुंची हैं, जिनकी इन दिनों मीडिया में काफी चर्चा हो रही है. इन्हें प्रयागराज महाकुंभ की सबसे सुंदर साध्वी बताया जा रहा है. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
गले में रुद्राक्ष और फूलों की माला, माथे पर तिलक और साध्वी के कपड़ों में संगम नगरी में घूम रहीं इस महिला का नाम हर्षा रिछारिया (Harsha Richhariya) हैं. वह कभी एंकरिंग किया करती थीं. फिर सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर बनीं. अब महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने पहुंची हैं. NDTV के साथ खास इंटरव्यू में हर्षा ने अपनी शुरुआती जिंदगी, सोशल मीडिया लाइफ और आध्यात्म को लेकर अपने अनुभव शेयर किए हैं.
उत्तराखंड से आती हैं हर्षा रिछारिया
31 साल की हर्षा रिछारिया उत्तराखंड से हैं. उनका मूल घर मध्य प्रदेश के भोपाल में हैं. वह आचार्य महामंडलेश्वर की शिष्या हैं. महाकुंभ में वह निरंजनी अखाड़े से जुड़ी हुई हैं. इस अखाड़े से नागा साधु आते हैं. अपने इंस्टाग्राम पेज पर हर्षा ने खुद को एंकर, मेकअप आर्टिस्ट, सोशल एक्टिविस्ट, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर और ट्रैवल ब्लॉगर बताया है.

साध्वी कहलाना पसंद नहीं
हर्षा तीन दिन पहले ही प्रयागराज पहुंची हैं. महाकुंभ से उनकी तस्वीरें वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर #sundarsadhvi, #viralsadhvi, #mahakumbhviralsadhvi ट्रेंड हो रहा है. यू-ट्यूब रील्स में उनके वीडियो खूब दिख रहे हैं. हालांकि, हर्षा खुद को साध्वी कहलाना पसंद नहीं करती हैं.
आस्था के महापर्व पर सियासत बेचैन क्यों? अखिलेश यादव के सवालों पर NDTV ने बताई सच्चाई
महामंडलेश्वर से लिया गुरुमंत्र
हर्षा रिछारिया कहती हैं, “आप मुझे हर्षा ही कहिए. महाकुंभ में आते ही मुझे साध्वी का टैग दे दिया गया है. ये टैग फिलहाल सही नहीं है. क्योंकि मैं कोई साध्वी नहीं हूं. मैंने साध्वी के लिए कोई दीक्षा भी नहीं ली है. मेरा कोई संस्कार नहीं हुआ है. मैं एक साधारण शिष्या हूं. मैंने बस गुरु मंत्र लिया है, जिसके साथ मैं साधना करती हूं.”

इंसान को सही पहचान मिलना बहुत जरूरी
हर्षा ने कहा, “मुझे लगता है कि कुछ इंफ्लूएंसर्स और कुछ ब्लॉगर्स मेरे वीडियो को थोड़ा मसालेदार बनाकर दिखा रहे हैं. खुद को वायरल करने के लिए वो मुझे ऐसे टैग दे रहे हैं. सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर होने के नाते जाहिर तौर पर इन हैश टैग से मुझे कुछ फायदा हुआ है. लेकिन, मुझे लगता है कि इंसान को एक सही पहचान मिलना बहुत जरूरी है.”
हर्षा ने कहा, “जरा सा भी गलत नाम या गलत शब्द जुड़ने से इंसान की पूरी इमेज बदल जाती है. इन टैग से सोशल मीडिया पर मेरे फॉलोअर्स बढ़े हैं, लेकिन मैं बहुत नेगेटिव चीजों का भी सामना कर रही हूं. लोग पूछते हैं कि ये साध्वी कैसे बन सकती है? ये साध्वी बनने लायक नहीं है.”
पुराने रील्स और कपड़ों पर ट्रोल करने वालों को दिया जवाब
हर्षा के पुराने रील्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. उनके पहनावे को लेकर भी कुछ लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. हर्षा ने इनका भी जवाब दिया है. उन्होंने कहा, “मैं इसे पॉजिटिव तरीके से लेती हूं. इससे लोगों को पता चलेगा कि जिंदगी में कैसे बदलाव आता है. लोग जानेंगे कि मैं कहां से कहां पहुंची हूं.”
भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं
हर्षा ने ग्लैमर वर्ल्ड छोड़कर आध्यात्म का रास्ता चुना है. लेकिन, वह भक्ति और ग्लैमर में कोई विरोधाभास नहीं मानतीं. उन्होंने सोशल मीडिया पर मौजूद अपनी पुरानी तस्वीरों के बारे में भी कहा कि अगर वह चाहती तो उन्हें डिलीट कर सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. हर्षा का कहना है कि यह उनकी लाइफ थी. आज वह एक दूसरी लाइफ की जर्नी पर हैं.
हर्षा रिछारिया कहती हैं, “ये मेरी यात्रा है. मैं युवाओं को बताना चाहती हूं कि किसी भी मार्ग से आप भगवान की ओर बढ़ सकते हैं. मैंने जो कुछ भी करने की जरूरत थी, उसे पीछे छोड़ दिया और इस मार्ग को अपनाया.”
सुकून की तलाश में मिला आध्यात्म का रास्ता
ग्लैमर वर्ल्ड से हर्षा का झुकाव आध्यात्म की ओर कैसे हुआ? इस बारे में हर्षा कहती हैं, “मैंने सुकून की तलाश में यह जीवन चुना. मैंने वह सब छोड़ दिया, जो कभी मुझे आकर्षित करता था. मैं सब कुछ छोड़कर ही संन्यास की राह में आई हूं. मैंने आंतरिक शांति के लिए साध्वी का जीवन चुना है.”
हर्षा कहती हैं, “आप जब जिंदगी में बहुत कुछ कर लेते हो… आपने एक्टिंग भी कर ली, एंकरिंग भी कर ली, देश-विदेश भी घूम लिया… सब कुछ कर लिया. उसके बाद क्या? पैसा है, शोहरत है फिर भी आपको शांति नहीं है. जब भक्ति आपको अपनी तरफ खींचने लगती है, तब आप लोगों से कटकर भगवान की शरण में आकर रहने लगते हैं. बस यहीं से सुकून मिलने लगता है.”
कैसे बनीं शिष्या?
सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर से हर्षा, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की शिष्या कैसे बनीं? इसके जवाब में वह कहती हैं, “मैं परम पूज्य गुरुदेव से डेढ़ साल पहले मिली थीं. उन्होंने बताया कि भक्ति के साथ-साथ अपने काम को भी संभाला जा सकता है. शिष्या बनने के बाद मैंने खुद से फैसला लिया कि मैं अपने प्रोफेशनल लाइफ को छोड़कर पूरी तरह से भक्ति में लीन रहूंगी.” वह कहती हैं, “मैं इस फैसले से पूरी तरह खुश हूं. उनका मार्गदर्शन मुझे संतुष्टि देता है.”
इंस्टाग्राम पर 1.3M से ज्यादा फॉलोअर्स
हर्षा रिछारिया के इंस्टाग्राम पर उनके 1.3M से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. उन्होंने 2,149 से ज्यादा पोस्ट किए हैं. हर्षा इस प्लेटफॉर्म पर 145 लोगों को फॉलो करती हैं. इंस्टाग्राम प्रोफाइल में हर्षा ने बताया है कि आध्यात्म अपनाने से पहले वह विदेशों में डेस्टिनेशन वेडिंग भी होस्ट कर चुकी हैं. उन्होंने लंबे समय तक मुंबई और दिल्ली में रहकर काम भी किया है.
कौन हैं महाकुंभ में आए IIT बाबा? जानिए कैसे अभय सिंह एयरोस्पेस इंजीनियरिंग छोड़ बन गए संन्यासी
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
जो आपका वोट पैसे या तोहफ़ों से खरीदना चाहे, उसका साथ कभी न दें: केजरीवाल की जनता से अपील
January 24, 2025 | by Deshvidesh News
वजन घटाने के बेस्ट उपाय, पेट की जिद्दी चर्बी को पिघलाकर गायब कर सकते हैं ये छोटे-छोटे पत्ते, जानें कैसे करें इस्तेमाल
February 27, 2025 | by Deshvidesh News
चेहरे पर लगाना शुरू कर दिया कच्चा दूध तो निखर जाएगी त्वचा, दाग-धब्बों का मिट जाएगा नामोंनिशान
January 8, 2025 | by Deshvidesh News