किस उम्र के बाद माता-पिता को कर देना चाहिए बच्चों का बिस्तर अलग, जानिए यहां
February 6, 2025 | by Deshvidesh News

What is Co-sleeping : बहुत से माता-पिता को नहीं पता होता है कि बच्चे को किस उम्र तक अपने साथ सुलाना है.जिसके कारण पेरेंट्स लंबे समय तक को-स्लीपिंग कराते हैं जिसका असर बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ सकता है. इसलिए आज हम यहां पर आपको बच्चे को किस उम्र तक बिस्तर पर (kis age tak mata-pita ko bachhon ko apne sath sulana chaiyea) अपने साथ सुलाना चाहिए, इसके फायदे और नुकसान क्या हैं, इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं…
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किस उम्र तक बच्चे को अपने साथ सुलाएं माता-पिता – Till what age should parents make their child sleep with them
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि माता-पिता को बच्चों को 6 महीने की उम्र तक अपने साथ सुलाना चाहिए, जबकि कुछ का मानना है कि बच्चों को 2 साल की उम्र तक या उससे भी ज्यादा समय तक अपने साथ सुलाना चाहिए.
को-स्लीपिंग कितनी तरह की होती हैं – What are the types of co-sleeping?
बेड शेयरिंग – इस को स्लीपिंग में माता-पिता और बच्चा एक ही बिस्तर पर सोते हैं.
रूम शेयरिंग – जबकि इसमें कमरा एक ही होता है लेकिन बिस्तर अलग
अटैच्ड क्रिब – इसमें बच्चे का बिस्तर माता-पिता के बेड से जुड़ा होता है.
को सलीपिंग के फायदे – Benefits of Co-sleeping
- को-स्लीपिंग से माता-पिता और बच्चों के बीच रिश्ता मजबूत होता है.
- इससे बच्चे और माता-पिता दोनों को ही बेहतर नींद आती है.
- को-स्लीपिंग करने से बच्चे की देखभाल करना ज्यादा आसान होता है.
को स्लीपिंग के नुकसान – Disadvantages of Co-sleeping
- बेड-शेयरिंग शिशुओं में SIDS (Sudden Infant Death Syndrome) का खतरा बढ़ सकता है,
- को-स्लीपिंग से माता-पिता को पर्सनल स्पेस खत्म हो सकता है.
- को स्लीपिंग से बच्चों को पेरेंट्स के साथ सोने की आदत लग सकती है फिर उन्हें बाद में जाकर दिक्कत हो सकती है.
को स्लीपिंग में किन बातों का रखें ख्याल – What to keep in mind while sleeping
- अगर आप बच्चे को अपने साथ सुलाते हैं, तो फिर इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि वो बिस्तर से गिरे नहीं.
- वहीं, आप शराब आदि का सेवन करते हैं तो फिर बच्चे को साथ में न सुलाएं.
- इसके अलावा आपका बच्चा अगर प्रीमैच्योर बेबी है, तो फिर बेड शेयरिंग से बचें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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