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एसजीपीसी ने निर्वासित सिखों को दस्तार नहीं पहनने देने के लिए अमेरिकी अधिकारियों की निंदा की 

February 17, 2025 | by Deshvidesh News

एसजीपीसी ने निर्वासित सिखों को दस्तार नहीं पहनने देने के लिए अमेरिकी अधिकारियों की निंदा की

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने अमेरिका से भारत में लाए गए अवैध भारतीय प्रवासियों के दूसरे जत्थे में शामिल सिखों को कथित तौर पर दस्तार पहनने की अनुमति नहीं देने के लिए अमेरिकी अधिकारियों की रविवार को कड़ी निंदा की. एसजीपीसी ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें प्रसारित होने के बाद यह बयान दिया. तस्वीर में यह नजर आ रहा है कि अमृतसर हवाई अड्डे पर आव्रजन औपचारिकताएं पूरी करने के दौरान सिखों ने दस्तार नहीं पहनी है.

अमेरिका से 116 अवैध प्रवासियों को लेकर एक विमान शनिवार देर रात अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा और एक निर्वासित व्यक्ति ने दावा किया कि यात्रा के दौरान निर्वासितों को हथकड़ियां लगाई गईं और उनके पैर जंजीरों से बंधे थे. डाली गईं.

अमेरिका से लाए गए निर्वासितों के दूसरे जत्थे में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से आठ, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से दो-दो तथा हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू-कश्मीर से एक-एक व्यक्ति शामिल है.

हवाई अड्डे पर शनिवार रात पहुंचे निर्वासितों के लिए लंगर और बस सेवा उपलब्ध कराने के वास्ते तैनात किए गए एसजीपीसी के अधिकारियों ने निर्वासित सिखों को दस्तार पहनाई. अमेरिका से भारत पहुंचे सिखों में से एक ने दावा किया कि जब वे अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरे तो उन्होंने दस्तार नहीं पहन रखी थी. उन्होंने बताया कि जब वे अवैध रूप से अमेरिका में दाखिल हुए तो उनसे दस्तार उतारने के लिए कहा गया था.

एसजीपीसी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने सिखों को कथित तौर पर दस्तार पहनने की अनुमति नहीं देने के लिए अमेरिकी अधिकारियों की निंदा की.उन्होंने कहा कि यह खेद की बात है कि निर्वासितों को बेड़ियों में जकड़कर लाया गया, लेकिन निर्वासित सिखों को दस्तार नहीं पहनने दी गई.

ग्रेवाल ने कहा कि एसजीपीसी जल्द ही इस मुद्दे को अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाएगी. उन्होंने कहा कि दस्तार सिख धर्म का प्रमुख हिस्सा है. शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी निर्वासित किए गए सिखों को बिना दस्तार पहने भेजने के लिए अमेरिकी अधिकारियों की निंदा की. उन्होंने विदेश मंत्रालय से इस मामले को तुरंत अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाने का भी आग्रह किया ताकि भविष्य में ऐसा दोबारा ना हो.
 

 

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