उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने कठोर भूमि कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दी
February 20, 2025 | by Deshvidesh News

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने भूमि की अंधाधुंध खरीद-फरोख्त पर रोक लगाकर प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए बुधवार को एक सख्त भू-कानून से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. सरकार के अनुसार राज्य के लोग लंबे समय से प्रदेश में एक कठोर भू-कानून की मांग कर रहे थे. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गयी.
मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी स्वयं एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी और कहा, “राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार.” उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उसकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज मंत्रिमंडल ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा, “यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहरों और लोगों के अधिकारों की रक्षा करेगा और साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.”
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सख्त भू-कानून लाने की अपनी मंशा पहली बार पिछले साल सितंबर में जाहिर की थी. उन्होंने तब एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर जमीन की खरीद से संबंधित मामलों की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा था कि लंबे समय से चली आ रही सख्त भूमि कानून की मांग को पूरा किया जाएगा.
वर्ष 2003 में तत्कालीन नारायण दत्त तिवारी सरकार ने उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीदे जाने की सीमा 500 वर्ग मीटर तय कर दी थी, जिसे 2008 में भुवनचंद खंडूरी की सरकार ने और घटाकर केवल 250 वर्ग मीटर कर दी थी.
हालांकि, 2018 में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के कार्यकाल में जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम में संशोधन कर दिया गया और भूमि खरीद की उपरी सीमा हटा दी गई. राज्य में निवेश के अवसर बढ़ाने को इसका उद्देश्य बताया गया.
स्थानीय निवासियों का मानना है कि भूमि खरीद की उपरी सीमा समाप्त किए जाने से प्रदेश की सीमित कृषि भूमि और कम हो रही है. उत्तराखंड के भू-कानूनों के परीक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में बनी समिति में सदस्य रहे अजेंद्र अजय ने राज्य मंत्रिमंडल के सशक्त भू-कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के निर्णय का स्वागत किया है. अजय श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के निवर्तमान अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने भू-कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी देकर जन भावनाओं का सम्मान किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी शुरू से ही भू-कानून के मुद्दे पर गंभीर रहे हैं.
मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उन्होंने भूमि-कानून के परीक्षण के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनायी थी. समिति ने विभिन्न संस्थाओं, बुद्धिजीवियों और आम लोगों से मिले सुझावों के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के बाद अपनी सिफारिशें राज्य सरकार को सौंपी थी. अजेंद्र ने उम्मीद जतायी कि मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद अब राज्य सरकार कानून को राज्य में जल्द लागू करने की दिशा में कदम उठाएगी.
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा ऐलान, आज से स्टील, एल्युमीनियम इंपोर्ट पर 25% टैरिफ लगाएंगे
February 10, 2025 | by Deshvidesh News
कंघी करते ही हाथ में आ जाता है बालों का गुच्छा, तो अमरूद के पत्तों का ऐसे करें इस्तेमाल
February 16, 2025 | by Deshvidesh News
संगम का जल प्रदूषित! CPCB के दावे में कितना दम? एक्सपर्ट्स की अलग राय, बोले- नहाने से आचमन तक…
February 22, 2025 | by Deshvidesh News