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इमिग्रेंट्स की वजह से बना कनाडा, भारत के साथ अच्छी दोस्ती जरूरी: NDTV से बोलीं PM कैंडिडेट रूबी ढल्ला 

January 28, 2025 | by Deshvidesh News

इमिग्रेंट्स की वजह से बना कनाडा, भारत के साथ अच्छी दोस्ती जरूरी: NDTV से बोलीं PM कैंडिडेट रूबी ढल्ला

कनाडा में जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री चुनने की प्रक्रिया तेज हो गई है. PM बनने की रेस में अब भारतीय मूल की रूबी ढल्ला भी शामिल हो गई हैं. उन्होंने 22 जनवरी को जस्टिन ट्रूडो की जगह लेने के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. उन्हें लिबरल पार्टी की तरफ से इलेक्शन लड़ने की परमिशन भी मिल चुकी है. अगर रूबी ढल्ला PM बन जाती हैं, तो वह कनाडा की पहली अश्वेत महिला प्रधानमंत्री होंगी. कनाडाई PM की दावेदारी पेश करने के बाद पहली बार रूबी ढल्ला ने किसी भारतीय मीडिया को इंटरव्यू दिया है. NDTV के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में रूबी ढल्ला ने कनाडा में हाउसिंग क्राइसिस, क्राइम रेट, फूड प्राइस और अमेरिका की तरफ से मिल रही टैरिफ की धमकियों पर अपनी राय दी है.

रूबी ढल्ला तीन बार की सांसद, बिजनेसवुमन और एक मोटिवेशनल स्पीकर हैं. उन्होंने शुरुआती दिनों में मॉडलिंग भी की है. हाल के समय में कनाडा कौन सी चुनौतियों का सामना कर रहा है? इसके जवाब में रूबी ढल्ला कहती हैं, “अभी कनाडा में सबसे बड़ी चुनौती अफोर्डेबल घरों की है. यहां हाउसिंग क्राइसिस बढ़ता जा रहा है. बढ़ती महंगाई की वजह से हाउसिंग कॉस्ट भी बढ़ता जा रहा है. दूसरी चुनौती फूड प्राइस है. कनाडा में खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. कनाडा में क्राइम रेट भी बढ़ रहा है. कनाडा के लोग बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन जब वह घर लौटते हैं, तो रोजमर्रा के खर्चों के बाद उनके पास कुछ बचता ही नहीं है. हमें इन समस्याओं को जल्द से जल्द सुलझाने की जरूरत है.”

PM बनने पर क्या होंगी प्राथमिकताएं?
अगर रूबी कनाडा की PM बन जाती हैं, तो उनकी प्राथमिकताएं क्या होंगी? इसके जवाब में वह कहती हैं, “हमारी कोशिश अफोर्डेबल हाउसिंग देने की होगी. हम क्राइम रेट को कम करने के लिए कई कदम उठाएंगे. फूड प्राइस को कम करने के लिए प्लान बनाने होंगे.” रूबी कहती हैं, “हमें टैक्स स्ट्रक्चर को रि-एवैलुएट करना होगा. ताकि लोगों की जेब में ज्यादा पैसा आए.”

ट्रंप के अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के फैसले पर क्या है राय?
कनाडा और अमेरिका पड़ोसी देश हैं. अमेरिका में 20 जनवरी को राष्ट्रपति की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को लेकर एक कैंपेन चलाना शुरू किया है. ट्रंप ने इससे पहले कनाडा को अमेरिका में मिलाने की बात भी कर दी है. उनकी सरकार अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेज रही है. इससे जुड़े सवाल पर रूबी ढल्ला कहती हैं, “हमारा देश कनाडा इमिग्रेंट्स की वजह से ही बना है और यहां तक पहुंचा है. 1972 में मेरी मां भी भारत से इमिग्रेंट्स के तौर पर कनाडा आई थीं. उन्हें फक्र है कि उनकी बेटी 3 बार संसद की सदस्य बन चुकी है. कनाडा आकर लोग बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं. हम इमिग्रेंट्स का बहुत सम्मान करते हैं. मैंने सोमवार को अपनी स्पीच में कहा है कि जो लोग कनाडा में इलिगल तौर पर आए हैं, जो यहां इलिगल तौर पर रह रहे हैं. अगर मैं PM बनी तो इन लोगों को डिपोर्ट किया जाएगा.” 

भारत-कनाडा संबंधों पर दिया जोर
रूबी ने बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों को देखते हुए भारत-कनाडा संबंधों को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया. उनका मानना ​​है कि कनाडा को अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने के लिए भारत सहित अन्य देशों के साथ साझेदारी की संभावना तलाशनी चाहिए.

चंडीगढ़ से कनेक्शन, फिल्मों में भी किया काम
रूबी ढल्ला का परिवार चंडीगढ़ के पास मुल्लानपुर से था. लंबे समय पहले उनका परिवार विनिपेग, मैनिटोबा में बस गया था. रूबी ने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की थी. 1993 में मिस इंडिया-कनाडा प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर आई थीं. उन्होंने 2003 में बॉलीवुड फिल्म ‘क्यों किस लिए’ में भी काम किया था. इसके बाद वह पॉलिटिक्स में आ गईं.

14 साल की उम्र से लिबरल पार्टी में एक्टिव
रूबी ढल्ला 14 साल की उम्र से लिबरल पार्टी में एक्टिव हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री पद की रेस में शामिल होने के बाद ‘कनाडा की वापसी अब शुरू होती है का नारा दिया है.’उन्होंने कहा, “जितने भी हमारे कनाडा में मुख्य व्यवसायिक लोग हैं, श्रमिक हैं, उनको भी एक अवसर मिलना चाहिए कि वो बाकी देशों के साथ काम कर सकें.”

PM पद के लिए रेस में और कौन-कौन?
कनाडा के प्रधानमंत्री पद की रेस में रूबी ढल्ला के अलावा लिबरल पार्टी की तरफ से 5 और उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. इनमें पूर्व बैंकर मार्क कार्नी, पूर्व वित्त मंत्री और उप-प्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड, जैमे बैटिस्ते, करीना गोल्ड और फ्रैंक बेलिस शामिल हैं. इससे पहले

इससे पहले दो और भारतवंशी उम्मीदवारों ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह लेने की इच्छा जताई थी. इसमें नेपियन सांसद चंद्र आर्य और भारतवंशी नेता अनीता आनंद शामिल थे. हालांकि, बाद में अनीता ने अपना नाम वापस ले लिया.
 

 

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