अल्जाइमर और पार्किंसन के बारे में अधिक जानकारी जुटा सकता है नया एंटीबॉडी डिस्कवरी प्लेटफॉर्म
February 17, 2025 | by Deshvidesh News

वैज्ञानिकों ने एक नई एंटीबॉडी खोज प्रणाली विकसित की है, जो अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों के पीछे के कारणों को समझने में मदद कर सकती है. इन बीमारियों में कुछ विशेष प्रकार के प्रोटीन गलत तरीके से मुड़ जाते हैं और आपस में चिपककर हानिकारक एग्रीगेट्स बना लेते हैं, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं. इस प्रक्रिया को “प्रोटीन एग्रीगेशन” कहा जाता है.
अब शोधकर्ताओं ने एक नई तकनीक विकसित की है, जिससे ऐसे एग्रीगेट्स की पहचान करने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए विशेष एंटीबॉडी बनाई जा सकती हैं. यह नई विधि उन जटिल प्रोटीन संरचनाओं को समझने में मदद करती है, जिन्हें अब तक पहचानना मुश्किल था. एंटीबॉडी को उनकी सटीक पहचानने की क्षमता के लिए जाना जाता है, लेकिन इन अस्थायी प्रोटीन संरचनाओं के लिए एंटीबॉडी बनाना अब तक बड़ी चुनौती थी. इस नई प्रणाली में कंप्यूटर की सहायता से डिजाइनिंग और विकसित की गई एंटीबॉडीज को चुना जाता है, ताकि वे हानिकारक प्रोटीन समूहों से जुड़ सकें या उनके बनने की प्रक्रिया को रोक सकें.
AIIMS Robotic Surgery: एम्स ने ‘सर्जिकल रोबोट’ के साथ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी हासिल की
इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले इंपीरियल कॉलेज लंदन में जैविक रसायन विज्ञान में एसोसिएट प्रोफेसर फ्रांसेस्को एप्रिले के अनुसार, “इस तकनीक से एंटीबॉडी की खोज और उत्पादन की प्रक्रिया तेज हो जाती है, जिससे समय और संसाधन बचते हैं.” इस नई प्रणाली का उपयोग करके वैज्ञानिकों ने “नैनोबॉडी” नामक छोटी एंटीबॉडी बनाई हैं, जो उन प्रोटीन को निशाना बनाती हैं जो स्थिर नहीं होते और लगातार अपने रूप बदलते रहते हैं. एप्रिले ने बताया, “आंतरिक रूप से अव्यवस्थित ये प्रोटीन स्वयं एकत्रित होने लगते हैं और ओलिगोमर्स तथा एमिलॉयड फाइब्रिल्स जैसे गुच्छे बनाते हैं, जो अल्जाइमर की पहचान है.”
शोधकर्ताओं द्वारा विकसित नैनोबॉडीज, अल्जाइमर और पार्किंसन्स से जुड़े एमिलॉइड-बीटा और अल्फा-सिन्यूक्लिन नामक प्रोटीन समूहों को पहचान सकती हैं. यह खोज वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करेगी कि ये प्रोटीन हानिकारक समूह कैसे बनाते हैं. प्रोफेसर एप्रिले ने कहा, “हमारी प्रणाली प्रोटीन के बनने और इकट्ठा होने की प्रक्रिया को समझने में एक महत्वपूर्ण कदम है. इन जटिल लक्ष्यों के लिए प्रभावी नैनोबॉडीज विकसित करके, हम इन बीमारियों के कारणों को और गहराई से समझ सकते हैं.” यह खोज अल्जाइमर और पार्किंसन जैसी बीमारियों के इलाज के नए रास्ते खोल सकती है.
Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?
Hot Categories
Recent News
Daily Newsletter
Get all the top stories from Blogs to keep track.
RELATED POSTS
View all
UCC: लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़ों की सुरक्षा का क्या? नैनीताल HC ने उत्तराखंड सरकार से मांगा जवाब
February 28, 2025 | by Deshvidesh News
Amalaki Ekadashi 2025: इस दिन रखा जाएगा आमलकी एकादशी का व्रत, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
February 28, 2025 | by Deshvidesh News
‘कोई ओपनर नहीं बनने देता…’, परेशान होकर बाबा निराला के आश्रम पहुंचे युजवेंद्र चहल, निकाला ऐसा समाधान, पड़ गए लेने के देने
March 1, 2025 | by Deshvidesh News